हरियाणा के हिसार जिले में रोजाना टैंकरों से 600 किलो गैस चोरी की जा रही है। CM फ्लाइंग की टीम ने रविवार देर रात बरवाला में एक ढाबे पर छापामारी करके टैंकर से गैस चोरी करके सिलेंडर भरते हुए 4 लोगों को काबू किया है। इनमें टैंकर का चालक सतीश कुमार, ढाबा मालिक अरुण व अंकित और एक सप्लायर अजमेर भगत शामिल है। टीम ने मौके से एक गैस टैंकर, 22 भरे हुए सिलेंडर, 2 आधे भरे हुए व 6 खाली सिलेंडर बरामद किए हैं।
इसके इलावा इलेक्ट्रॉनिक कांटा, गैस चोरी करने की पाइप व अन्य सामान भी जब्त किया है। टीम के अनुसार, ढाबा संचालक अंकित व अंकुर टैंकर से गैस चोरी करके सिलेंडर भरते थे और एक सिलेंडर की एवज में टैंकर चालक को 900 रुपए देते थे। चारों लोग रोजाना 30 गैस सिलेंडर इसी तरह से भरकर आगे गांव स्याहड़वा निवासी अजमेर भगत को एक हजार रुपए में बेच देते थे। अजमेर इन्हें आगे 1300 से 1400 रुपए प्रति सिलेंडर बेच देता था।
बड़ा सवाल- सील तोड़कर गैस चोरी, प्लांट के अधिकारी बेखबर कैसे
पूछताछ में ढाबा संचालकों ने खुद कुबूला है कि वे रोजाना अलग-अलग टैंकरों से गैस चोरी करके 30 सिलेंडर में 600 से 700 किलो गैस भरते थे। इसके लिए बाकायदा उन्होंने एक जुगाड़ बनाया हुआ था। इस जुगाड़ से टैंकर की सील तोड़कर 1 मिनट में ही 2 गैस सिलेंडर भर लिए जाते थे। CM फ्लाइंग के अधिकारियों के अनुसार, जब वे इस मामले की कार्रवाई कर रहे थे, तभी वहां गैस के 2 टैंकर और पहुंच गए। हो सकता है कि इनसे भी गैस चोरी करने की तैयारी हो। लेकिन टीम की कार्रवाई देखकर टैंकर चालक वहां से निकल गए।
इस पूरे प्रकरण में हैरान करने वाली बात यह है कि बठिंडा से चलकर जींद जाने वाले टैंकरों की सील तोड़ी जा रही थी और गैस चोरी हो रही थी तो प्लांट के अधिकारी इससे बेखबर कैसे थे? बठिंडा प्लांट से एक टैंकर में 17 हजार 680 किलो गैस भरकर जींद प्लांट के लिए भेजी जाती है। टैंकर की आउटलेट पाइप पर बकायदा सील लगाई जाती है। जब ये टैंकर जींद प्लांट में पहुंचते थे तो कम गैस होने व सील टूटी होने के बारे में किसी को खबर क्यों नहीं होती थी।
इसके अलावा टैंकरों के ड्राइवर एक महीने में 17 से 18 हजार किलो गैस चोरी करके बेच देते हैं तो प्लांट में उसकी पूर्ति कैसे की जाती थी। फिलहाल इस मामले में बरवाला थाना पुलिस जांच कर रही है। हो सकता है कि ये जांच जल्द ही जींद प्लांट तक भी पहुंच जाए।