कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच सरकार ने मई में प्रदेश के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी), जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों में 86 ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने का प्लान तैयार किया था। वहीं, प्रदेशभर में 13,133 ऑक्सीजन-आईसीयू बेड और 1159 वेंटिलेटर बेड्स बढ़ाने के आदेश दिए थे। लेकिन, 2 माह बाद सिर्फ 26 ऑक्सीजन प्लांट चालू हो पाए हैं। 44 पर काम चल रहा है। 13 पर काम भी शुरू नहीं हुआ।
सबसे संक्रमित जिले गुड़गांव में भी प्लांट्स इंस्टॉल करने की रफ्तार धीमी है। यहां 13 में से 5 ही चालू हुए हैं। अम्बाला में 4 में से 2 पर ही काम शुरू हो पाया है। वहीं, 13,133 ऑक्सीजन-आईसीयू बेड में से 7186 बेड बच्चों के लिए तैयार करने हैं। जबकि स्वास्थ्य विभाग दो माह में 8050 बेड ही बढ़ा पाया है। बच्चों के लिए सिर्फ 3227 बेड बढ़े हैं। मेडिकल एक्सपर्ट का कहना है कि सभी प्लांट्स चालू होने पर 61,327 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन जेनरेट होगी, जो 13,100 बेड्स के लिए पर्याप्त होगी।

काम पूरा होने पर कोरोना के लिए ऐसा होगा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर: काम पूरा हो जाने के बाद प्रदेश में ऑक्सीजन के करीब 19312 बेड होंगे। इसी तरह आईसीयू के करीब 6884 बेड हो जाएंगे। वेंटिलेटर की संख्या भी लगभग 2915 हो जाएगी। लेकिन, इतना बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ने के साथ ही इसकी सही से मेंटेनेंस करना स्वास्थ्य विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा।

बेड्स: बच्चों के लिए 2478 ऑक्सीजन व 749 आईसीयू बेड ही बढ़े,1159 नए वेंटिलेटर में से 490 ही आ पाए
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर बढ़ाने की योजना पर काम चल रहा है। वैज्ञानिकों ने तीसरी लहर बच्चों के लिए अधिक खतरनाक बताई है। इसी वजह से बच्चों के लिए भी अलग से व्यवस्था की जा रही। लेकिन, योजना को धरातल पर उतारने की रफ्तार बहुत धीमी है। दैनिक भास्कर ने सभी जिलों में बेड्स बढ़ाने की तैयारियों का डेटा जुटाया तो सामने आया कि ऑक्सीजन के 9464 बेड बढ़ाए जाने का प्लान है। इनमें 5382 बच्चों के लिए हैं।
अब तक सिर्फ 6251 ऑक्सीजन बेड बढ़े हैं। इनमें बच्चों के लिए 2478 बेड हैं। इसी तरह आईसीयू के 3669 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की जाएगी, जिनमें बच्चों के लिए 1804 होंगे। अब तक इनका 50% काम भी पूरा नहीं हो पाया है। अभी तक सिर्फ 1799 बेड ही लग पाए हैं। इनमें बच्चों के लिए सिर्फ 749 हैं। इसके अलावा 1159 वेंटिलेटर बढ़ाने का प्लान है। इनमें बच्चों के लिए 483 वेंटिलेटर हाेंगे। अब तक 490 नए वेंटिलेटर आए हैं। इनमें बच्चों के लिए 232 हैं। पड़ताल में यह भी सामने आया कि कई जिलों ने अभी तक कोई काम भी शुरू नहीं किया है।