ट्रेन से बिहार जा रही महिला की मौत: भूख से बिलखे मासूम बच्चे, जीआरपी ने खिलाया खाना

अंबाला से पति के साथ घर लौट रही बिहार के नालंदा जिले की निवासी महिला की हिमगिरी एक्सप्रेस ट्रेन में तबीयत बिगड़ गई। यात्रियों की सूचना पर उसे शाहजहांपुर में उतार कर राजकीय मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जहां उसकी मौत हो गई। आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण महिला के शव का चंदे से अंतिम संस्कार कराया गया। 

नालंदा के थाना सारे के गांव खेतलपुरा निवासी लल्लन अंबाला में परिवार के साथ रहकर काम करता था। पिछले कुछ दिन से उसकी पत्नी सरस्वती की तबीयत ठीक नहीं रहती थी। फैक्टरी में काम खत्म होने के चलते वह पत्नी, बेटे रंजन, सागर व बेटी सिक्कों के साथ अंबाला से बिहार जाने वाली हिमगिरी एक्सप्रेस के जनरल कोच में सवार हुआ था।

बरेली से ट्रेन चलने के बाद सरस्वती की तबीयत बिगड़ गई। लल्लन के अनुसार, बोगी में टिकट चेक करने आए टीटीई की नजर पड़ने पर उसने कंट्रोल को सूचना दी। इसके बाद जीआरपी और रेलवे पुलिस के पास मेमो आया। शाहजहांपुर में जीआरपी इंस्पेक्टर रिजवान अहमद स्टाफ के साथ पहुंचे। बोगी से सरस्वती को उतारने के बाद रेलवे के डॉक्टर ने परीक्षण किया। उसके बाद राजकीय मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

जीआरपी ने दिखाई मानवता

लल्लन के पास रुपये नहीं थे। सुबह उसके बच्चे भूख से बिलखे तो जीआरपी के सिपाहियों ने मानवता दिखाई। महिला सिपाही ने बच्चों को खाना खिलाया। एसआई करुणेश शुक्ला ने बताया कि लल्लन की घर वापसी के लिए ट्रेन में रिजर्वेशन करा दिया गया।

दस हजार रुपये का चंदा किया

लल्लन की आर्थिक स्थिति को देखकर रेलवे पुलिस, एंबुलेंस चालकों समेत मेडिकल कॉलेज चौकी के स्टाफ ने भी चंदा किया। कुछ देर में दस हजार से ज्यादा रुपये इकट्ठा हो गए। चंदे से सरस्वती के शव का अंतिम संस्कार कराया गया।

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