किसान आंदोलन के दौरान हुए खर्च को लेकर कई तरह की चर्चाएं सामने आने के बाद मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) ने प्रदेश स्तरीय बैठक में सभी के सामने खर्च का ब्यौरा दिया। आंदोलन के खर्च को लेकर गठित कमेटी की ओर से ब्यौरा दिए जाने के बाद जिला स्तरीय कमेटियों को भी खर्च का ब्यौरा तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इतना ही नहीं बैठक में किसानों की आवाज उठाने के लिए राजनीति में उतरने की भी चर्चा रही।
किसान आंदोलन के बाद अलग पार्टी का गठन कर पंजाब विधानसभा के चुनावी मैदान में उतरने वाले भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी ग्रुप) आगामी चुनावों में भी किस्मत आजमा सकता है। यूनियन के कई सदस्य अभी भी अपने इस रुख पर कायम हैं कि किसानों की बात मनवाने के लिए राजनीतिक ताकत की जरूरत है। इस बात लेकर मंगलवार को प्रदेश स्तरीय बैठक में इक्का-दुक्का सदस्यों ने आवाज भी उठाई ,लेकिन फिलहाल इस पर किसी तरह का फैसला नहीं लिया गया है। इस तरह के महत्वपूर्ण फैसलों को लेकर पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है।
भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि इस बैठक में आंदोलन की कमेटी की ओर से सभी के सामने आय-व्यय का ब्यौरा रख दिया है। आंदोलन के खर्च के लिए अलग से कमेटी का गठन किया गया था। उन्हें आंदोलन के दौरान जो भी राशि मिली थी, उन्होंने इसी कमेटी को सौंप दी थी। इसी कमेटी ने सभी तरह के खर्च किए हैं। उन्होंने खर्च को ब्यौरा दे दिया है अब जिला स्तरीय कमेटियों को ब्यौरा देना होगा। इसके साथ ही किसान आंदोलन के जो मामले अभी तक वापस नही हुए हैं, उनको लेकर सरकार से बातचीत की जाएगी। केंद्र की ओर से मामलों वापस न लिए जाने पर केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाएगा।