हरियाणा : जज पर विवादित टिप्पणी कर बुरे फंसे मुख्यमंत्री खट्टर!

भिवानी दौरे के दौरान जज पर टिप्पणी कर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर को विरोधी मुश्किल में फंसाने में जुट गए हैं। कांग्रेस ने इस मामले की शिकायत पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में की है।

शिकायत में CM के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई की मांग की गई है। राज्य के पूर्व मंत्री अतर सिंह सैनी एवं हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट के प्रदेश चेयरमैन एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने यह शिकायत की है। हालांकि CM खट्‌टर अपने इस बयान पर खेद जता चुके हैं।

1. हम ऑफिसर ऑफ दी कोर्ट, हमें पीड़ा हुई : हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट को भेजी शिकायत में कहा गया है कि हम भी वकील है जो कि ऑफिसर ऑफ दी कोर्ट होता है, इस वजह से हमे भी पीड़ा हुई है जो गत दो अप्रैल को भिवानी जिले के खरक कलां गांव में सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह कहकर अदालत की आपराधिक अवमानना की थी कि एक जज है, उसके माथे में कुछ गड़बड़ है।

2. बाबुल सुप्रियो बनाम पश्चिम बंगाल का हवाला: सीएम के खिलाफ की गई शिकायत में एक फैसले को बाबुल सुप्रियो बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य का हवाला दिया है। 14 अक्टूबर 2020 में यह माना गया है कि लोगों के प्रतिनिधियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वह अपने व्यवहार में विनम्र, अपने शिष्टाचार में गरिमापूर्ण और उनके द्वारा बोले गए शब्दों पर सतर्क रहें। इस मामले में भी अवमाननाकर्ताओं के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई शुरू किए जाने की कोर्ट से मांग की गई है।

CM ने क्या कहा था : CM मनोहर लाल खट्‌टर रविवार 2 अप्रैल को भिवानी में थे। उन्हें जन संवाद में युवाओं ने सवाल किया कि पुलिस भर्ती की नियुक्ति अभी तक नहीं मिली है। इसके जवाब में CM ने कहा – आपमें से ही कुछ हैं, जो कोर्ट चले गए। जिस पर जज ने स्टे दे दिया। एक जज हैं, उनके माथे में कुछ गड़बड़ है। उसको ठीक करेंगे। करीब 3 हजार जॉइनिंग हो गई है। बाकी को भी जल्द करा देंगे।

अस्वाभाविक टिप्पणी, शब्द वापस लेता हूं : जज पर टिप्पणी किए जाने के बाद विपक्ष लगातार मुख्यमंत्री पर हमलावर है। सीएम मनोहर भी इस मामले पर खेद जता चुके हैं। उन्होंने कहा कि मैं कोर्ट का सम्मान करता हूं। एक परीक्षा हुई। उसके परिणाम के बाद स्टे हो गया। वह एक अस्वाभाविक सी टिप्पणी, मुझे भी लगता है कि वह नहीं होनी चाहिए थी। उसके कारण से किसी जज विशेष के पास बात पहुंची होगी तो मैं उन शब्दों को वापस भी लेता हूं।

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