अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज एवं कांग्रेस नेता बिजेंद्र बॉक्सर के एक्स अकाउंट पर डली एक पोस्ट से गुरुवार सुबह राजनीति गलियारों में हलचल बढ़ गई। बिजेंद्र ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि राजनीति को राम-राम भाई। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि बिजेंद्र ने अब राजनीति को अलविदा कह दिया है। लेकिन बिजेंद्र बॉक्सर के बड़े भाई मनोज बैनीवाल ने दावा किया है कि अभी राजनीति नहीं छोड़ी है। लोग इसके गलत मायने निकाल रहे हैं।
2008 बीजिंग ओलंपिक में जीता था कांस्य
विजेंद्र को साल 2009 में राजीव गांधी खेल रत्न से नवाजा गया था। उन्होंने 2008 के बीजिंग ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा था। वे इन खेलों में पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज थे। विजेंद्र बीजिंग ओलिंपिक्स में पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय एथलीट थे।
हरियाणा सरकार ने दी थी डीएसपी की पोस्ट
पूर्व भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार ने बॉक्सिंग में विजेंद्र की उपलब्धियों के चलते उन्हें सम्मान स्वरूप हरियाणा पुलिस में डीएसपी की पोस्ट दी थी। 2008 में विजेंद्र ने बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। इसके बाद हुड्डा सरकार ने उन्हें एचपीएस बनाया था। 2015 में पेशेवर मुक्केबाज बनने के दौरान भी उनके डीएसपी पद को लेकर विवाद खड़ा हुआ था, लेकिन सरकार ने उन्हें डीएसपी स्पोर्ट्स के पद पर बरकरार रखा।
भारत के सबसे कामयाब बॉक्सरों में शुमार किए विजेंद्र ने अपने एमेच्योर कैरियर को तौबा करते हुए प्रोफेशनल बॉक्सर बनने का फैसला किया था।कॉलेज के दिनों से था मुक्केबाजी का शौक29 अक्टूबर, 1985 में हरियाणा के भिवानी में जन्में विजेंद्र के पिता महिपाल सिंह बेनीवाल हरियाणा रोडवेज़ में बस ड्राईवर हैं। उनकी मां गृहणी हैं। विजेंद्र बेहद निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से जुड़े हैं।विजेंद्र सिंह को कॉलेज के दिनों से ही मुक्केबाजी और कुश्ती का शौक था, वह इसकी प्रैक्टिस भिवानी बॉक्सिंग क्लब में करते थे। उन्होंने कोचिंग का प्रशिक्षण भारतीय बॉक्सिंग कोच गुरबक्श सिंह संधू से लिया हैं। 17 मई, 2011 को विजेंदर ने अर्चना सिंह को हमसफर बनाया। अर्चना दिल्ली की रहने वाली हैं और सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल हैं।