जम्मू कश्मीर के पुलवामा में स्थित प्रिटिंग प्रेस कर्मी ने पुलिस भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र और आंसर-की लीक की थी। इसकी एवज में उसने छह लाख रुपये लिए थे। बाद में यह आंसर-की एक-एक करोड़ रुपये तक बेची गई। प्रिंटिंग प्रेस के मैनेजर और प्रिटिंग सेक्शन के कर्मचारी सहित तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा किया है। धरे गए तीनों आरोपियों को 10 दिन के रिमांड पर लेकर व्यापक जांच पड़ताल की जा रही है।
एसपी लोकेंद्र सिंह के अनुसार 21 अगस्त को जम्मू क्षेत्र के महाकाली नगर गाडीगढ़ निवासी राकेश, दूध गंगा कालोनी ओल्ड छानपुर श्रीनगर निवासी एजाज अहमद और गांव सिंधरा, तहसील भाला, जिला डोडा जम्मू निवासी जितेंद्र को गिरफ्तार किया गया था। इनमें राकेश प्रिंटिंग कंपनी में बतौर मैनेजर और जितेंद्र प्रिंटिंग सेक्शन में काम करता है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से सिपाही भर्ती के लिए प्रश्न पत्र प्रकाशित करने का ठेका इसी कंपनी को दिया गया था।
पूछताछ में सामने आया कि प्रिटिंग प्रेस के मैनेजर राकेश ने 31 जुलाई को पेपर के डाटा को पेन ड्राइव में डाला था। फिर जितेंद्र ने इस पेन ड्राइव को किसी तरह से हासिल कर लिया और प्रश्न पत्र व आंसर-की दो अगस्त को प्रिंट कॉपी लेकर अपने घर में रख ली, जिसे उसने तीन अगस्त को छह लाख रुपये में जम्मू के गुल जिला रामबन निवासी मुजफ्फर अहमद खान को दी।
अहमद खान ने इसे पांच अगस्त को एजाज अमीन को सौंप दिया, जिसने 60 लाख रुपये में इसका सौदा अफजल निवासी हजरत बल श्रीनगर से किया। यह रकम परीक्षा संपन्न होने के बाद दी जानी थी और इसमें एजाज अमीन और अहमद खान दोनों का बराबर हिस्सा था।
इसके बाद आरोपी अफजल की मुलाकात नजीर अहमद खांडे के माध्यम से आरोपी राजकुमार निवासी खांडा खेड़ी जिला हिसार से हुई। आरोपी अफजल ने पांच अगस्त को ही एक करोड़ रुपये में पेपर और आंसर की दिल्ली एयरपोर्ट पर आरोपी राजकुमार को दे दिया। इसमें राजकुमार ने पांच लाख रुपये नकद दिए। साथ ही बाकी 95 लाख रुपये परीक्षा के बाद दिए जाने की बात हुई।
प्रश्नपत्र और आंसर-की हासिल करने के बाद आरोपी राजकुमार ने दो लोगों को एक-एक करोड़ रुपये में यह बेच दिया। इनमें उसका दोस्त रोहतक रिटोली निवासी वेदप्रकाश और उसके भाई कुलदीप का दोस्त हिसार निवासी आरोपी नरेंद्र शामिल हैं।
इसके बाद आरोपी नरेंद्र ने आंसर-की अपने दोस्त माजरा प्यो निवासी नवीन व ढाणी खुशहाल जिला हिसार निवासी निहाल सिंह को दी, जिसने 10-10 लाख रुपये प्रत्येक उम्मीदवार से इसका सौदा किया। फिर आरोपी नरेंद्र ने 6 अगस्त को उसके साथी सोनू व साहिल दोनों निवासी चीडी जिला रोहतक को कैथल आकर पेपर व आंसर की सौंपी। उनके द्वारा नरेंद्र के कहने पर आंसर की आरोपी कैथल में बालाजी अकादमी संचालक थुआ निवासी रमेश कुमार को दी गई। फिर आरोपी रमेश द्वारा आंसर की आगे कुछ उम्मीदवारों को बेची गई।
88 आरोपियों की संलिप्तता उजागर, 28 गिरफ्तार
पुलिस के अनुसार मामले में अब तक 88 लोगों की संलिप्तता सामने आई है, जिसमें से 28 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है व शेष की तलाश की जा रही है। पुलिस के अनुसार आरोपी मुजफ्फर अहमद खान सालभर पहले उसी प्रिंटिंग प्रेस में काम करता था, जिसमें यह पेपर प्रकाशित हुआ था, जो वहां के कर्मचारी जितेंद्र के संपर्क में था और उसी की मदद से पेपर लीक किया गया।