रोहतक: डॉक्टरों ने 8 किलो का ओवेरियन ट्यूमर निकाल महिला को दिया नया जीवनदान

पंडित भगवत दयाल शर्मा स्नातकोत्तर चिकित्सा विज्ञान संस्थान का नाम एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार संस्थान के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की सीनियर प्रोफेसर डॉ. सविता सिंघल व उनकी टीम ने एक महिला के 8 किलोग्राम ओवेरियन ट्यूमर को निकाल कर उसे नया जीवनदान दिया है। चिकित्सकों की टीम तीन घंटे के ऑपरेशन के बाद ट्यूमर निकाल पाई।

डॉ. सविता सिंघल ने बताया कि उनके पास जींद निवासी करीब 50 वर्षीय महिला पेट में भारीपन की समस्या लेकर पहुंची थी। उसने निजी अस्पताल में भी जांच कराई थी, मगर आराम नहीं मिला। इसके चलते जींद सरकारी अस्पताल में दिखाया। यहां से उसे पीजीआईएमएस रेफर किया गया। महिला के अल्ट्रासाउंड की जांच की गई तो बड़ा ओवेरियन ट्यूमर होने का पता लगा। इसके चलते महिला की जल्द सर्जरी करने की तैयारी की गई। महिला का करीब तीन घंटे ऑपरेशन चला। इसके बाद आठ किलो का ट्यूमर निकालने में सफलता मली। इसका आकार करीब 42 इंच 40 सेंटीमीटर है।

इस उपलब्धि के लिए स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग व निश्चेेतन विभाग के चिकित्सकों को कुलपति डॉ. एचके अग्रवाल, निदेशक डॉ. एसके सिंघल व चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कुंदन मित्तल ने शुभकामनाएं दी हैं। डॉ सविता की टीम ने इस महिला को नई जिंदगी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह उनकी विशेषज्ञता और समर्पण का उदाहरण है।

निश्चेतन विभाग का रहा विशेष सहयोग
डॉ. मोनिका दलाल ने बताया कि पहली बार इतना बड़ा ट्यूमर देखा है। ऑपरेशन में डॉ. शिखा मदान व डॉ. प्रेरणा, एनेस्थीसिया विभाग से डाॅ. रेणु बाला व डॉ. मयूरी शामिल रही। महिला का ऑपरेशन के समय बीपी कम हो रहा था। धड़कन भी ऊपर नीचे हो रही थी। ऐसे में निश्चेतन विभाग का विशेष सहयोग रहा। महिला अब स्वास्थ्य लाभ ले रही है। इन्हें करीब एक सप्ताह में छुट्टी दे दी जाएगी।

लक्षण मिलने पर जांच जरूर कराएं
डॉ. सविता सिंघल ने 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं से आग्रह किया कि यदि किसी को पेट में अफारा बनता हो, भारीपन रहता हो, बिना वजह उल्टी आती हो, कब्ज की समस्या रहती हो, पैरों में सूजन के लक्षण मेनोपॉज के टाइम पर नजर आते हैं तो जांच जरूर कराएं। स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। समय पर इस प्रकार के ट्यूमर का इलाज नहीं होने से वह कैंसर का रूप धारण कर सकता है। इससे मरीज की जान का जोखिम बढ़ जाता है। पीजीआईएमएस में इस प्रकार की बीमारी के इलाज की सभी अत्याधुनिक मशीनें उपलब्ध हैं।

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