नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने चंडीगढ़ में हरियाणा की अलग विधानसभा बनाने को मंजूरी दे दी है। हरियाणा की अलग विधानसभा के लिए चंडीगढ़ में 10 एकड़ जमीन देने का रास्ता अब साफ हो गया है। इस पर पंजाब के अलग-अलग राजनीतिक दलों ने आलोचना शुरू कर दी है। हरियाणा विधानसभा की नई इमारत को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है।
पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार की पूर्व मंत्री व विधायक अनमोल गगन मान ने सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए कहा कि 1966 में जब हरियाणा को पंजाब से काटकर अलग राज्य बनाया गया था उस समय वादा किया गया था कि कुछ वक्त बाद चंडीगढ़ पंजाब को सौंप दिया जाएगा। जब तक हरियाणा अपनी अलग राजधानी नहीं बना लेता तब तक चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश रहेगा। लेकिन आज 58 साल हो गए चंडीगढ़ पंजाब को नहीं सौंपा गया।
चंडीगढ़ पर पंजाब का हक खत्म किया जा रहा- चीमा
इसी तरह शिअद के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि केंद्र के इशारे पर चंडीगढ़ पर पंजाब का हक खत्म किया जा रहा है। चीमा ने कहा पंजाब के किसानों और उसके हकों का केंद्र सरकार लगातार हनन कर रही है।
फैसला बिल्कुल गलत- बाजवा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पंजाब के 22 गांवों को उजाड़कर चंडीगढ़ को बसाया गया था। पंजाब व हरियाणा के बंटवारे के समय चंडीगढ़ को अस्थायी तौर पर दोनों की राजधानी बनाकर यहां से शासन और प्रशासनिक कार्यों के संचालन के लिए बंदोबस्त किया गया था। चंडीगढ़ में हरियाणा का विधानसभा बनाने का फैसला बिल्कुल गलत है।
पंजाब के खिलाफ बड़ी साजिश-अनमोल गगन
उधर आप विधायक अनमोल गगन ने आंध्रप्रदेश और तेलंगाना का उदाहरण दिया और कहा कि 2014 में जब आंध्र से काटकर तेलंगाना को बनाया गया उसी वक्त यह तय कर दिया गया कि हैदराबाद तेलंगाना की राजधानी होगी। फिर आंध्रप्रदेश अमरावती में अपनी नई राजधानी स्थापित करने का फैसला किया।
इस साल के बजट में मोदी सरकार ने आंध्रप्रदेश की नई राजधानी के लिए 15 हजार करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी और अगले कुछ सालों में कुल 50 हजार करोड़ देने का वादा किया है। जब आंध्र प्रदेश और तेलंगाना पर तुरंत फैसला हो सकता है, उसे आर्थिक मदद मिल सकती है फिर पंजाब के साथ ऐसा भेदभाव क्यों किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि हरियाणा का विधानसभा चंडीगढ़ में इसलिए बनाया जा रहा है ताकि चंडीगढ़ पर उसका पक्के तौर पर अधिकार कायम हो जाए। यह पंजाब के खिलाफ एक बड़ी साजिश है। हम इसके खिलाफ हर मोर्चे पर लड़ाई लड़ेंगे।