प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत 18 कामगारों को शामिल किया गया है। विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर आयोजित पीएम विश्वकर्मा योजना का शुभारंभ होने से नए भारत में विश्वकर्मा के हुनर को सम्मान मिला है। इस योजना के शुरू होने के बाद अब हम आयातकर्ता से निर्यातकर्ता बनेंगे।
उक्त जानकारी रविवार को एसडी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री भारत सरकार साध्वी निरंजन ज्योति ने दी। वो विश्वकर्मा योजना के शुभारंभ के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि अंबाला छावनी पहुंची थी। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने दिल्ली से वर्चुअल तरीके से विश्वकर्मा योजना का शुभारंभ किया। इसे कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों ने सुना और देखा।
केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री के जन्मदिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन देश को नई दिशा व दशा देने वाला दिन है। इस मौके पर संयोजक (महाप्रबंधक) राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति डाॅ राजेश प्रसाद,संयुक्त सचिव वित्तीय विभाग भारत सरकार पंकज श6र्मा, ,भाजपा जिला प्रधान राजेश बतौरा, प्रभजोत सिंह, उपायुक्त डाॅ शालीन,पुलिस अधीक्षक जशनदीप सिंह रंधावा, एसडीएम सतिंद्र सिवाच सहित अधिकारी व गणमान्य मौजूद रहे।
इन 18 श्रेणियों को होगा फायदा
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के शुभारंभ से इस योजना में शामिल होने वाले 18 श्रेणियों के कामगारों से देश आगे बढेगा। इसमें बढई, नाव निर्माता, शस्त्र निर्माता, ब्लैक स्मिथ (लोहार), हथौडा और औजार निर्माता, ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार, बारबर, गुडिया व खिलौने बनाने वाला, मूर्तिकार (मूर्तिकार, संगतराश) पत्थर तोडने वाला, मत्स्य जाल निर्माता, टोकरी/चटाई/झाडू बनाने वाले/रस्सी तैयार करने वाले, मोची (चर्मकार)/ जुता बनाने वाला/फुटवेयर कारीगर, धोबी, राजमिस्त्री, माला बनाने वाला (मालाकार) व टेलर शामिल हैं।
30 लाख कारीगर शामिल
इस योजना के तहत देश के 30 लाख कारीगरों को इसमें शामिल किया जाएगा। इसके लिए 13 हजार करोड़ का प्रावधान भी किया गया है। इस योजना के तहत यह लाभ एक परिवार के एक सदस्य तक सीमित होगा और परिवार की परिभाषा में पति, पत्नी और अविवाहित बच्चे शामिल हैं। योजना के तहत एक लाख रुपये का ऋण बिना गारंटी के उपलब्ध करवाया जाएगा और एक वर्ष में 12 महीने के अंदर ऋण की अदायगी समय अवधि के तहत की जाती है तो 2 लाख रुपये तक का ऋण ओर उपलब्ध करवाने का प्रावधान है और यह ऋण 30 महीने की समय अवधि के तहत वापिस करना है। योजना के तहत महिलाओं को भी इसका लाभ मिलेगा और वह भी इस योजना का लाभ उठाकर आगे बढ़ सकेंगे। पूरे देश में आज लगभग 9 करोड़ महिला स्वयं सहायता समूह हैं।