करनाल में सिखों की प्रदेश स्तरीय बैठक, विस की 20 सीटों पर टिकट और पंजाबी शिक्षक भर्ती की उठाई मांग

हरियाणा विधानसभा में 20, लोकसभा में दो टिकट, राज्यसभा में सिख समाज का प्रतिनिधित्व व प्रदेश में पंजाबी शिक्षक भर्ती सहित 10 मांगों को लेकर अब प्रदेश के सिख एकजुट होंगे। इसके लिए बड़े स्तर पर संघर्ष किया जाएगा और सभी जिलों के प्रमुख लोगों को शामिल करते हुए 51 सदस्यीय कमेटी का गठन होगा। वहीं सितंबर माह में प्रदेश स्तरीय सम्मेलन करके समाज के लोगों को भी जागरूक करते हुए मांगों को प्रमुखता से उठाया जाएगा।

यह निर्णय करनाल में हुई हरियाणा के सिखों की प्रदेश स्तरीय बैठक में लिया गया। डेरा कार सेवा में हुई बैठक में हरियाणा के सिखों ने अब पंजाब अथवा दिल्ली के प्रभाव से मुक्त होकर अपने वजूद को स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इसके लिए धड़ेबंदी से ऊपर उठकर एकजुट होकर अपने हकों की लड़ाई लड़ने का फैसला लिया।

बैठक में उपस्थित बाबा सुखा सिंह कार सेवा और गुरुद्वारा राज करेगा खालसा डाचर से जत्थेदार बाबा गुरमीत सिंह ने सिख संगत के फैसले पर सहमति जताई। बाबा गुरमीत सिंह ने सभी को गुरुबानी के साथ जुड़ने, पंजाबी भाषा को बढ़ावा देने की सलाह दी। बैठक में करनाल के अलावा हिसार, जींद, पानीपत, सोनीपत, कुरुक्षेत्र, अंबाला, कैथल, सिरसा व यमुनानगर से आये सिख समाज के प्रतिनिधियों ने अपनी राजनीतिक, सामाजिक हिस्सेदारी की आवाज उठाने का प्रण लिया।

51 सदस्यीय कमेटी सभी पक्षों से करेगी बात
बैठक में प्रदेश के 18 लाख से अधिक संख्या वाले सिख समुदाय को उनका हक न मिलने पर रोष व्यक्त किया गया। इंटरनेशनल सिख फोरम के महासचिव प्रीतपाल सिंह पन्नु और किसान नेता अमृत सिंह बुग्गा ने कहा कि आज न तो लोकसभा और राज्य सभा में हरियाणा के सिख प्रतिनिधि हैं और न ही प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। अब इन सब बातों के लिए सरकार, विपक्ष व अन्य पक्षधरों से सिख समाज की 51 सदस्यीय कमेटी बात करेगी और जो भी पक्ष सिख समाज की मांगों को पूरा करेगा उसी का साथ दिया जाएगा।

इस अवसर पर गुलाब सिंह मूनक, कंवलजीत सिंह अजराना, मनजीत सिंह कानपुरी, कुलदीप सिंह, कुलवंत सिंह हिसार और बोहड़ सिंह बख्तला सहित कई लोग मौजूद रहे।

यह प्रमुख 10 मांगें उठाईं

  1. हरियाणा में 15 से 20 विधानसभा सीट पर सिख उम्मीदवार उतारें, कोई सीट आरक्षित हो तो यहां रिजर्व सिख जैसे मजहबी, रविदासिया, शिक्लीघर आदि को टिकट मिले।
  2. अगले लोकसभा चुनाव में सिख समुदाय को दो टिकट मिलें व राज्य सभा में भी हरियाणा के सिख को प्रतिनिधित्व दिया जाए।
  3. पंजाबी को दूसरी भाषा का दर्जा प्राप्त है लेकिन सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में पंजाबी के शिक्षक नहीं हैं। शिक्षक भर्ती का रिजल्ट भी लंबित है। परिणाम जारी करके भर्ती की जाए।
  4. पंजाबी साहित्य अकादमी को पहले की तरह स्वतंत्र प्रभार मिले ताकि पंजाबी भाषा के विकास के कार्य हों।
  5. सोशल मीडिया पर सिख धर्म, गुरु साहेबान, कौम के बारे में गलत प्रचार करने, गलत शब्द इस्तेमाल करने पर सख्त कार्रवाई के लिए हर जिले में एसआईटी का गठन हो।
  6. परीक्षाओं में अमृतधारी बच्चों के ककार न उतरवाने के लिए स्पष्ट निर्देश मिले, ऐसा करने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कानूनी व विभागीय कार्रवाई हो।
  7. राज्य में अल्पसंख्यक आयोग का गठन हो।
  8. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में हरियाणा के सिखों को प्रतिनिधित्व मिले।
  9. सिख आबादी वाले जिलों में सिख कम्युनिटी सेंटर के लिए सरकारी स्थान व ग्रांट मिले।
  10. हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव हों, चुनाव से पहले नए वोट बनवाने व पुरानी सूची को ठीक करने की हिदायत दी जाए।

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