खेतो में जल भराव की समस्या से परेशान किसानो ने किया था अधिकारियों पर हमला

जींद जिले के गांव बुआना व बराड़ खेड़ा के बीच में लगा साइफन खुलवाने को लेकर अधिकारियों पर हमला पहले से ही खेतों में भरे पानी से परेशान किसानों के गुस्से का नतीजा है। बराड़ खेड़ा गांव की 400 एकड़ फसल में पानी भरा है। वहीं, बुआना में भी 300 से अधिक एकड़ में जलभराव है। किसान जलभराव से पहले ही परेशान हैं। जब प्रशासनिक अमला बराड़ खेड़ा की तरफ से साइफन खुलवाने गया, तो पहले से परेशान ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। वहीं, बुआना के लोगों ने साइफन को बंद रखने की मांग को लेकर किनाना में जाम लगा दिया।

अमित ने जमीन ले रखी है ठेके पर
हुआ यूं कि गांव बुआना निवासी अमित ने 40 एकड़ जमीन 18 लाख रुपये में ठेके पर ली हुई है। उसकी जमीन बराड़ खेड़ा गांव के खेतों से लगती है। अमित की धान की फसल में फिलहाल दो-तीन फुट पानी भरा है। प्रशासनिक अमला यहां लगे साइफन को खुलवाने के लिए गया था। अमित के पिता जयभगवान उस समय मौके पर मौजूद थे। जयभगवान ने कहा कि यदि यह साइफन खुल गया, तो उसकी पहले ही खराब फसल और बर्बाद हो जाएगी। इसलिए उसने साइफन खोलने का विरोध किया।

अफसर नहीं माने तो जान देने का प्रयास
जब प्रशासनिक अधिकारी नहीं माने, तो जयभगवान ने अपने पायजामे के साथ पास खड़े पेड़ से फंदा लगाने का प्रयास किया। मौके पर मौजूद नायब तहसीलदार दीपक, सिंचाई विभाग के एसडीओ जितेंद्र, जुलाना थाना प्रभारी समरजीत ने जयभगवान को पेड़ से उतार दिया। इस कारण विवाद बढ़ गया और प्रशासनिक अधिकारियों व ग्रामीणों के बीच खींचतान बढ़ गई।

आखिर किसने की पत्थरबाजी शुरू
इसी बीच किसी ने प्रशासनिक टीम पर पत्थरबाजी कर दी। देखते ही देखते मामला बिगड़ गया। इस हमले में नायब तहसीलदार दीपक, सिंचाई विभाग के एसडीओ जितेंद्र, जुलाना थाना प्रभारी समरजीत घायल हो गए। ग्रामीणों ने तहसीलदार की गाड़ी के शीशे भी तोड़ दिए।

1995 में भी जलनिकासी को लेकर हुआ था विवाद
बराड़ खेड़ा और बुआना गांव के बीच मौजूद माइनर के नीचे से बारिश के पानी की निकासी को लेकर साइफन दबाया हुआ है। 1995 में भी बुआना गांव के लोगों ने साइफन से पानी नहीं निकलने दिया था। उसी समय से दोनों गांवों के बीच विवाद चल रहा है। बुआना के लोगों का कहना है कि वह किसी भी कीमत पर पानी की निकासी अपने खेतों में नहीं होने देंगे। ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन किसी के दबाव में जबरदस्ती साइफन खोलना चाहता है। यदि यह साइफन खुला तो बुआना के खेतों के साथ-साथ गांव में भी पानी घुस जाएगा।
 
खेतों से बारिश के पानी की निकासी के लिए प्रशासनिक अमला बराड़ खेड़ा व बुआना गांव के बीच माइनर पर रविवार दोपहर बाद पहुंचा। प्रशासन ने साइफन खुलवाने का प्रयास किया, तो ग्रामीणों ने प्रशासनिक अमले पर पथराव कर दिया। इसमें मेरे समेत कई अन्य कर्मचारियों को चोटें आई हैं।

बुआना गांव के एक ग्रामीण ने पेड़ पर लटककर फंदा लगाने का प्रयास किया। पुलिस और ग्रामीणों ने उसे पेड़ से नीचे उतार लिया। ग्रामीणों ने साइफन को लेकर विरोध किया और ईंट और डंडों से प्रशासनिक अमले पर हमला कर दिया। फिलहाल मामले की जांच चल रही है।

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