राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन और विद्युत अभियंताओं ने सोमवार को पूरे प्रदेश में मंडल और वृत्त स्तर पर बिजली संशोधन कानून 2022 के खिलाफ प्रदर्शन किया। राजधानी शिमला स्थित बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस शिमला में राज्य स्तरीय प्रदर्शन हुआ। कर्मचारी यूनियन के महासचिव हीरा लाल वर्मा ने बताया कि इस संशोधन विधेयक में बिजली आपूर्ति व बिजली नेटवर्क को अलग-अलग कर मोबाइल नेटवर्क की तरह प्रतिस्पर्धा लाने की बात कही जा रही है। इस क्षेत्र में निजी घरानों को बिना पैसा खर्च किए और इच्छा अनुसार मुनाफे वाले क्षेत्रों में बिना लाइसेंस के बिजली बेचने की छूट दे दी गई है। इस बिजली कानून को केंद्र सरकार की ओर से बिजली बोर्ड को निजीकरण के उद्देश्य से लाया जा रहा है।
इससे बिजली बोर्ड का मुनाफे वाला क्षेत्र निजी हाथों में चले जाएगा। क्रॉस सब्सिडी खत्म हो जाएगी। इससे बिजली उपभोक्ताओं की बिजली दरें बढ़ने से अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। बिजली कर्मचारियों व पेंशनरों की सामाजिक सुरक्षा पर भी बड़ा खतरा आ जाएगा। उन्होंने कहा कि बिजली अभियंता व कर्मचारियों की राष्ट्रीय समन्वय समिति के राष्ट्र स्तर पर विरोध प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को सचेत किया गया है। यदि केंद्र सरकार इस बिजली बिल को वापस नहीं लेती तो बिजली कर्मचारी और अभियंता आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर और तेज करेंगे। इस अवसर पर यूनियन पदाधिकारी अशोक भारद्वाज, देवेंद्र शर्मा, धर्म प्रकाश वर्मा, अमित भनोट, रोशन कुमार, ओपी जस्टा और हरीश शर्मा मौजूद रहे।