हिमाचल में नए नगर निगम बनाने को लेकर विरोध के सुर उठने लगे हैं। सरकार ने सोलन, बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़, मंडी और पालमपुर को नगर निगम बनाने का फैसला लिया है, लेकिन साथ लगती पंचायतों के लोग नगर निगम में आने के लिए तैयार नहीं हैं। सोलन को नगर निगम बनाने के विरोध में ग्रामीण सड़क पर उतर आए हैं। पालमपुर और मंडी की कई पंचायतों के लोग भी नगर निगम में शामिल नहीं होना चाहते हैं।
विधानसभा से नगर निगम संशोधन विधेयक पास हो गया है। इसमें नगर निगम की जनसंख्या 50 से कम करके 40 हजार की गई है। मंडी और पालमपुर नगर निगम बनाने के लिए नियमों में फिट नहीं हो रहे थे। इसका कारण आबादी कम होना है। मंडी शहरी निकाय की आबादी 27 हजार, जबकि पालमपुर की आबादी मात्र पैंतीस सौ है। 17 पंचायतें मिलाने के बाद पालमपुर की आबादी 40 हजार होगी। इसी तरह मंडी को भी निगम बनाने के लिए पंचायतें जोड़नी पड़ेंगी। कई पंचायतों के लोग नगर निगम बनाने के पक्ष में नहीं हैं।
शांता कर रहे पालमपुर को नगर निगम बनाने की पैरवी पालमपुर को नगर निगम बनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार पैरवी कर रहे हैं, जबकि मंडी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह जिला है। हालांकि, शहरी विकास विभाग ने इन्हें नगर निगम बनाने की कसरत शुरू कर दी है। आबादी बढ़ाने के लिए पंचायतों के क्षेत्रों को मिलाया जा रहा है। हिमाचल में अभी 2 नगर निगम हैं। एक राजधानी शिमला और दूसरा धर्मशाला है। धर्मशाला को नगर निगम कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बनाया गया है।