कश्मीर में 21 पुलिस स्टेशनों को मिलीं शांति और स्थिरता टीमें

पुलिस स्टेशनों की परिचालन क्षमताओं में वृद्धि (ओसीएपीएस) के तहत स्थापित शांति और स्थिरता टीमों का परेड समारोह कमांडो ट्रेनिंग सेंटर (सीटीसी) लेथपोरा, अवंतीपोरा में करवाया गया। जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने 21 वाहनों में पीएस टीमों को हरी झंडी दिखाकर पुलिस स्टेशन के लिए रवाना किया। अब घाटी के 21 पुलिस स्टेशनों में अतिरिक्त 290 अधिकारी और कर्मचारी तैनात होंगे। इसके अलावा सीआरपीएफ के लिए 5 मार्क्समैन वाहन भी शामिल थे।

इस अवसर पर डीजीपी ने परेड की सलामी ली। डीजीपी ने सीएपीएफ और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों का स्वागत करते हुए उन्हें टीम जम्मू-कश्मीर पुलिस का अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा होने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने विशेष टीमों को तैयार करने में की गई मेहनत के लिए प्रिंसिपल सीटीसी लेथपोरा तनवीर जिलानी और उनकी टीम को बधाई दी। 

उन्होंने कहा कि ये शांति और स्थिरता टीमें कश्मीर घाटी में 21 पुलिस स्टेशनों को उनके अधिकार क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए समर्पित हैं। डीजीपी ने कहा कि सुरक्षा की खाई को भरने के लिए पुलिस स्टेशनों को कर्मचारी देने, आधुनिक सामग्री और संचार सुविधा, ड्रोन की सुविधा और उन्नत प्रशिक्षण देने की पहल का पहला चरण है, अगले चरण में अन्य पुलिस स्टेशनों की क्षमता को भी इसी तरह बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि शांति और स्थिरता टीमों के कर्मियों को गहन प्रशिक्षण दिया गया है।

अनेक बलिदानों से मिली मौजूदा शांति को बनाकर रखना हमारा कर्तव्य

डीजीपी ने कहा कि आतंकवाद के कारण बड़ी संख्या में लोगों, पुलिस और सुरक्षाबलों की जान गई है। अनेक बलिदानों से मिली मौजूदा शांति को बनाकर रखना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि बदलते परिदृश्य में लोग बेहतर जीवन जी रहे हैं, लड़के और लड़कियां अपने करियर पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और उनके जीवन की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है। 

उन्होंने कहा कि 8 से 20 अगस्त तक देश में मेरी मिट्टी मेरा देश, मिट्टी को नमन वीरों को वंदन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पाकिस्तान और उसकी एजेंसियां अभी भी हमारे युवाओं को लुभाने और निर्दोष लोगों को मारने के लिए उन्हें कट्टरपंथी बनाने की साजिशें रच रही हैं। हमारा मिशन उनकी साजिशों को खत्म करना है। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित उच्च अधिकारी जम्मू-कश्मीर में शांति बहाल करने में पुलिस और सुरक्षाबलों के अच्छे काम की प्रशंसा कर रहे हैं।

किसी भी आतंकवादी को मारना सेना के लिए खुशी की बात नहीं

डीजीपी ने कहा किसी भी आतंकवादी को मारना सेना के लिए कोई खुशी की बात नहीं है। आतंकवादियों के भी परिवार होते हैं और उनके माता-पिता ने अपने बच्चों को शिक्षित करने और उन्हें समृद्ध होते देखने का सपना देखा होता है। हमें यह भी उम्मीद है कि आज के युवा हिंसा का रास्ता छोड़ देंगे और बेहतर जीवन जिएंगे। 

उन्होंने उन सभी युवाओं से हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील की जो अभी भी पाकिस्तान के फर्जी आख्यानों से आकर्षित हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर के युवाओं को पंजाब की तरह ड्रग्स का तोहफा दे रहा है। उन्होंने कहा कि चुनौती बड़ी है और जहर को फैलने से रोकने के लिए सभी एकजुट होकर काम करें।

कार्यक्रम में यह लोग रहे शामिल

इस मौके पर प्रिंसिपल सीटीसी लेथपोरा तनवीर जिलानी, विशेष डीजी आरआर स्वैन, एके चौधरी, एडीजी सीआरपीएफ नलिन प्रभात, एडीजीपी दीपक कुमार, एसजेएम गिलानी, एमके सिन्हा, सुनील कुमार और विजय कुमार, आईजीपी बीएस टूटी, डीआईजी सुजीत कुमार, विवेक गुप्ता, इम्तियाज इस्माइल पर्रे, रईस मोहम्मद भट, शाहिद महराज और अब्दुल कयूम, डीआईजी सीआरपीएफ संजय यादव, कुलबीर सिंह देसवाल और आलोक अवस्ती, डीआइजी आईटीबीपी रणबीर सिंह चौहान, प्रिंसिपल सीटीसी लेथपोरा तनवीर जिलानी समारोह में पीएचक्यू के एआईजी, सेना, सीआरपीएफ, आईटीबीपी और पुलिस के अधिकारी शामिल रहे।

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