अमरनाथ में बादल फटने के बाद यात्रा फिर शुरू हो गई है। लेकिन अब भी कुछ लोग हादसे से सहमे हुए हैं। मध्य प्रदेश के इंदौर, बुरहानपुर, सीहोर के कुछ परिवार इतने डरे हुए हैं कि बिना दर्शन किए लौटना चाहते हैं। हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें बुरहानपुर से अमरनाथ यात्रा पर गए सुधाकर वरोड़े वापसी की गुहार लगाते नजर आ रहे हैं। वे सीएम शिवराज से मदद करने की अपील कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार अमरनाथ यात्रा में फंसे प्रदेश के लोगों को लाने के लिए प्रयास कर रही है। हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इंदौर के बाणगंगा इलाके में रहने वाले 65 वर्षीय कल्लू राठौर ने बताया कि उनके साथ गए कुछ लोगों की तबीयत बिगड़ गई है। हादसे के बाद से सब सहमे हुए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से वापस लौटने के लिए गुहार लगाई है। कल्लू के अनुसार 3 जुलाई को बुरहानपुर में रहने वाले अपने दामाद सचिन वारूढ़े, नाती श्रेयस, समधी सुधाकर, समधन कुसुम और सीहोर में रहने वाले साले और उनकी पत्नी अतुल और लक्ष्मी राठौर के साथ अमरनाथ के लिए निकले थे। जो हादसे के बाद अभी पंचतरणी के टेंट में ठहरे हैं। इस परिवार के तीन बुजुर्गों की हालत खराब है, ठंड से दिक्कत है, ब्लड प्रेशर भी लो हो गया है।
यात्रा पर गए सचिन वारूढ़े ने बताया कि वे फिलहाल पंचतरणी टेंट में रुके हुए हैं। 5 जुलाई को पूरा परिवार चंदनवाड़ी पहुंचा था और 6 जुलाई को चढ़ाई शुरू हुई थी। शाम करीब 5:30 बजे हम अमरनाथ गुफा से 200 मीटर दूर थे तभी बादलों की जोरदार गड़गड़ाहट हुई यह आवाज सामान्य नहीं थी। थोड़ी देर बाद हर तरफ पानी का तेज बहाव था, वहां लगे टेंट और लोग तेजी से बहने लगे हम सुरक्षित जगह थे। फिर भी नजारा देख सब डर गए थे। पानी में बहते हुए लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे लेकिन हर कोई असहाय था।
सचिन ने आगे बताया कि हम भी अपना सामान लेकर पंचतरणी की ओर भागने लगे। करीब 2 किलोमीटर चलने के बाद मेरे बुजुर्ग माता-पिता और ससुर थक चुके थे। हमने वहां घोड़े पर पंचतरणी जाने के लिए बात की तो यहां घोड़े का किराया 15 सौ रुपए लगता है वह 6000 बताया जाने लगा। मजबूरन हमने तीनों को घोड़े से रवाना किया और 18000 रुपये दिए। रात करीब 1 बजे पंचतरणी पहुंचे। पंचतरणी में 150 का टेंट 4 हजार में मिला। रात भर वही दहशत वाला मंजर रहा , कोई सो नहीं सका तभी से तीनों बुजुर्ग की तबीयत खराब है।
सेना के जवानों को बताया तो उन्होंने डॉक्टरों को दिखाया। अब पहले से हालत ठीक है, लेकिन अब हम बिना दर्शन किए लौटना चाहते हैं। यहां पर लंगर में भोजन की व्यवस्था है, लेकिन दूसरी कोई चीज काफी महंगी हैं। 5 वाला बिस्किट का पैकेट 25 में मिल रहा है। सचिन के मुताबिक रविवार को इंदौर से प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से उनकी जानकारी ली गई और कहा कि आप सभी यात्रियों की जानकारी भोपाल को दे दी गई है।