डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने रविवार को चुनाव आयोग (ईसी) से लोकसभा चुनाव पूरा होने के एक महीने बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का अनुरोध किया। आजाद ने रविवार को जम्मू शहर के पूर्व क्षेत्र में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया।
गुलाम नबी ने कहा, ‘यह सच है कि यदि प्रत्येक संसदीय सीट से 10 उम्मीदवार लड़ते हैं, तो हमारे पास पांच सीटें होंगी और उम्मीदवारों की संख्या 50 होगी। इसी तरह, यदि हमारे पास 90 विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक से 15 उम्मीदवार हैं, तो उम्मीदवारों की संख्या लगभग 1,500 होगी। इतने उम्मीदवारों को सुरक्षा प्रदान करना चुनौतीपूर्ण है।’
कांग्रेस शासन में भी सात या आठ चरणों में होते थे चुनाव
गुलाम नबी एक राष्ट्र, एक चुनाव की अवधारणा की व्यवहार्यता पर गौर करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समिति के सदस्य थे। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप दी गई है और अब यह है सरकार और चुनाव आयोग को सिफारिशों पर फैसला लेना है।
लोकसभा चुनाव सात चरणों में कराने पर विपक्ष की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान भी चुनाव सात या आठ चरणों में होते थे।एक उम्मीदवार घोषित, अन्य पर जल्द लिया जाएगा फैसला
उन्होंने कहा कि डीपीएपी ने उधमपुर लोकसभा सीट से एक उम्मीदवार की घोषणा की है और अन्य सीटों के संबंध में निर्णय उचित समय पर लिया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमने एक उम्मीदवार की घोषणा कर दी है और देखेंगे कि हम और कहां उम्मीदवार उतारेंगे।”
‘जम्मू शहर की रक्षा करने की जरूरत’
आजाद ने कहा प्रदेश की भूमि और नौकरियां अनुच्छेद 35ए द्वारा संरक्षित थीं, लेकिन अनुच्छेद 370 (अगस्त 2019 में) के निरस्त होने के बाद, जम्मू असुरक्षित हो गया है क्योंकि बाहर से आने वाला कोई भी व्यक्ति जम्मू के पहाड़ी जिलों में जाने के बजाय शहर को प्राथमिकता देगा। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के 22 जिलों के लोग जम्मू में रह रहे हैं और सांबा (जिला) तक शहर की रक्षा करने की जरूरत है।
आजाद ने जम्मू-कश्मीर में अगली सरकार बनाने के लिए लोगों का समर्थन मांगा और कहा कि वह विकास सुनिश्चित करने के अलावा बिजली और पानी की कमी के कारण लोगों को होने वाली समस्याओं को कम करने को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे। उन्होंने लोगों से संसदीय चुनावों में समझदारी से मतदान करने को भी कहा ताकि निर्वाचित उम्मीदवार उनकी आवाज बनें और उनके मुद्दों को उजागर करें।
19 अप्रैल को शुरू होंगे लोकसभा चुनाव
केंद्र शासित प्रदेश में लोकसभा चुनाव पहले पांच चरणों में 19 अप्रैल (उधमपुर), 26 अप्रैल (जम्मू), 7 मई (अनंतनाग-राजोरी), 13 मई (श्रीनगर) और 20 मई (बारामूला) को होंगे। वोटों की गिनती 4 जून को होगी। शनिवार को लोकसभा चुनाव की घोषणा के दौरान चुनाव आयोग ने कहा कि वह सुरक्षा कारणों से लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव नहीं करा रहा है।