उमर कैबिनेट में विभागों का बंटवारा, पहली ही बैठक में पूर्ण राज्य का प्रस्ताव पास

जम्मू-कश्मीर में नई सरकार के गठन के बाद अब मंत्रियों के विभागों का भी बंटवारा हो गया है. 24 विभागों को पांच मंत्रियों में बांटा गया है. बाकी विभाग सीएम उमर अब्दुल्ला अपने पास रखे हैं. निर्दलीय विधायक सतीश शर्मा को सबसे अधिक सात विभागों की जिम्मेदारी दी गई है. इसी के साथ उमर कैबिनेट ने पहली बैठक में जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाने के प्रस्ताव मुहर लगा दी.

उमर कैबिनेट में और किसे क्या मिला?

  1. सुरेंद्र चौधरी (डिप्टी सीएम): इंड्रस्टीज, R&B, माइनिंग, लेबर एंड एम्प्लॉयमेंट और स्किल डेवलपमेंट.
  2. सकीना इतू: हेल्थ, स्कूल एजुकेशन, हायर एजुकेशन और सोशल वेलफेयर.
  3. जावेद राणा: जलशक्ति, फॉरेस्ट, ट्राइबल अफेयर्स और एनवायरनमेंट.
  4. जावेद अहमद डार: एग्रीकल्चर प्रोडक्शन, रूरल डेवलपमेंट और पंचायती राज, कोऑपरेटिव, चुनाव
  1. सतीश शर्मा: फुड, सिविल सप्लाई एंड कंज्यूमर अफेयर्स, ट्रांसपोर्ट, साइंस, टेक्नोलॉजी, इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, यूथ सर्विस, स्पोर्ट्स और एआरआई एंड ट्रेनिंग

उमर कैबिनेट ने पूर्ण राज्य का प्रस्ताव पास किया

सूत्रों का कहना है कि शपथ ग्रहण समारोह के एक दिन बाद गुरुवार को श्रीनगर के सिविल सचिवालय में कैबिनेट की पहली बैठक हुई. इस बैठक में जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाने का प्रस्ताव पास किया है. पूर्ण राज्य के प्रस्ताव को उमर सरकार पीएम मोदी को भेजेगी. बैठक के दौरान नेशनल कॉन्फ्रेंस के अब्दुल रहीम राथर को विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर चुना गया.

सूत्रों ने बताया कि प्रस्ताव का मसौदा तैयार कर लिया गया है और मुख्यमंत्री कुछ दिनों में नई दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रस्ताव का मसौदा सौंपेंगे और उनसे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का आग्रह करेंगे.

2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद उम्मर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री बने हैं. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में अब्दुल्ला का यह दूसरा कार्यकाल है. पहले कार्यकाल में वह 5 जनवरी, 2009 और 8 जनवरी, 2015 के बीच जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे.

जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस की ऐतिहासिक जीत

अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने ऐतिहासिक जीत हासिल की. नेशनल कॉन्फ्रेंस कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी. चुनाव में उमर अब्दुल्ला की पार्टी ने 42 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को 6 सीटों पर जीत हासिल हुई. वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने 29 सीटें जीतीं, जबकि 2014 के विधानसभा चुनावों में उसे 25 सीटों पर जीत मिली थी.

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