जम्मू: आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों ने प्रेस क्लब के बाहर किया प्रदर्शन

जम्मू संभाग में तबादले की मांग को लेकर कश्मीर घाटी में कार्यरत आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों ने शुक्रवार को प्रेस क्लब के बाहर धरना-प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे करीब छह महीनों से अपनी मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में आए दिन टारगेट किलिंग हो रही है। अभी आतंकियों द्वारा पत्रकारों को भी धमकाने की खबरें आ रही हैं।

कर्मचारियों ने कहा कि प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ हुई बैठक में उनके लिए समस्या को हल करने का आश्वासन दिया गया था। इसके लिए कमेटी बनाए जाने की बात भी सामने आई थी। लेकिन इसके विपरीत घाटी में कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक हाजिरी को लागू करने के लिए कहा गया है और कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ऐसे में कर्मचारियों को दोहरा उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है। कश्मीर में हालात सामान्य नहीं है। टारगेट किलिंग की घटनी आए दिन होती रहती है। इन हालातों में वे वहां काम करने के लिए कैसे जा सकते हैं। सिर्फ उन्हें ही नहीं उनके परिवार को भी उनके साथ परेशानियों झेलनी पड़ रही हैं। उनके बच्चों का भविष्य भी अधर में है। न वे उन्हें कश्मीर में पढ़ा पा रहे हैं और न ही उन्हें जम्मू में पढ़ा पा रहे है। छह महीनों से उनके बच्चे भी घरों में ही रहने को मजबूर हैं।

जम्मू संभाग के रहने वाले करीब 3 हजार आरक्षित कर्मचारी कश्मीर संभाग के अलग-अलग जिलों में अलग-अलग विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें से ज्यादातर कर्मी पंद्रह साल से अधिक समय से कश्मीर में तैनात हैं। इस साल मई-जून महीने में घाटी में एकाएक हुई टारगेट किलिंग की घटनाओं के बाद से इनमें से ज्यादातर कर्मी जम्मू लौट आए हैं और जम्मू संभाग में ट्रांसफर किए जाने की मांग को लेकर जम्मू बेस्ड रिजर्व्ड कैटेगरी इंप्लाइज एसोसिएशन कश्मीर के बैनर तले धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, पीएम पैकेज के तहत कश्मीर संभाग में तैनात कश्मीरी पंडित भी कश्मीर से बाहर जम्मू में तैनाती की मांग को लेकर संघर्षरत हैं।

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