सरकारी अस्पतालों में रोगी देखभाल प्रबंधन में खराब प्रदर्शन और ड्यूटी के प्रति लापरवाही के लिए स्वास्थ्य विभाग के चार अफसरों पर गाज गिरी है। जम्मू संभाग के दो चिकित्सा अधीक्षक निलंबित कर दिए गए हैं, जबकि कश्मीर संभाग के एक चिकित्सा अधीक्षक और एक ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) को जम्मू अटैच कर दिया गया है।
स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) विवेक भारद्वाज ने बुधवार को वर्चुअल समीक्षा बैठक में इसके निर्देश जारी किए। इस कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। सूत्रों ने बताया कि अंसतोषजनक प्रदर्शन करने वाले कई अन्य डाक्टरों और स्टाफ पर भी गाज गिर सकती है।
एसीएस ने बुधवार दोपहर नागरिक सचिवालय से वर्चुअल माध्यम से अधिकारियों के साथ प्रदेश स्तर के स्वास्थ्य प्रबंधन की समीक्षा की। बैठक में सरकारी अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों से चिकित्सा सुविधाओं पर फीडबैक को लेकर ब्योरा लिया गया। इसके साथ आयुष्मान सेहत योजना और अन्य स्वास्थ्य कल्याण योजनाओं के अनुपालन पर भी जानकारी ली गई।
लेकिन इस दौरान कई डाक्टर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए एसीएस ने इंचार्ज चिकित्सा अधीक्षक जिला अस्पताल कुलगाम डॉ. मुजफ्फर अहमद जरगर को स्वास्थ्य निदेशक जम्मू कार्यालय में अटैच करने के आदेश दिए। इस पद के लिए स्वास्थ्य निदेशक कश्मीर को वरिष्ठ डाक्टर को नियुक्त करने को कहा गया है।
इसी तरह इंचार्ज ब्लॉक मेडिकल आफिसर पंपोर डॉ. आसिमी नजीर को भी स्वास्थ्य निदेशालय जम्मू अटैच कर दिया। वहीं, सरकारी मेडिकल कालेज राजोरी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. महमूद हुसैन वाजार को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। निलंबन अवधि में डॉ. हुसैन स्वास्थ्य निदेशालय जम्मू में अटैच रहेंगे।