लद्दाख लोकसभा सीट के लिए हाजी मुहम्मद हनीफा जान कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उम्मीदवार घोषित कर दिए गए हैं। बुधवार को दोनों पार्टियों ने सहमति के साथ उनके नाम पर मुहर लगा दी है। जम्मू कश्मीर और लद्दाख में नेकां और कांग्रेस मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। जम्मू में कांग्रेस ने और कश्मीर में नेकां ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं।
भाजपा ने ताशी ग्यालसन को उतारा मैदान में
इस सीट पर भाजपा के एडवोकेट ताशी ग्यालसन मैदान में हैं। भाजपा ने लद्दाख के सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल का टिकट काट दिया है। पेशे से वकील ग्यालसन लिंगशेड निर्वाचन क्षेत्र से पार्षद हैं और 2020 में उन्हें छठी लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (एलएएचडीसी) लेह के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी पार्षद के रूप में चुना गया था। पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य में वह पीडीपी के सदस्य थे। भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार गिरने के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा में शामिल होने के कुछ समय बाद ही उन्हें पार्टी का महासचिव बना दिया गया।
20 मई को होगा मतदान
लद्दाख सीट पर पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होंगे।
कारगिल और लेह से मिलकर बना है लद्दाख
2019 में जम्मू कश्मीर से अलग कर लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है। लद्दाख में दो जिले हैं, कारगिल और लेह। दोनों जिलों में एक-एक लद्दाख पहाड़ी स्वायत्त विकास परिषद (एलएएचडीसी) हैं। इनमें से एलएएचडीसी लेह पर भाजपा का दबदबा और एलएएचडीसी कारगिल पर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) का कब्जा है।विज्ञापन
लद्दाख सीट का इतिहास कैसा रहा है
1967 से अब तक हुए चुनाव में छह बार कांग्रेस, दो बार नेकां, तीन बार निर्दल तथा दो बार ही भाजपा जीती है। भाजपा यहां 2014 से जीत रही है, जबकि कांग्रेस ने आखिरी बार 1996 में यहां जीत हासिल की थी। 1998 व 1999 में नेकां को जीत मिली थी, लेकिन बाद के दो चुनाव 2004 व 2009 में निर्दलीय संसद तक पहुंचे थे।