जम्मू में महिलाओं में बढ़ रहा स्तन कैंसर

पिछले कुछ सालों में जम्मू संभाग में महिलाओं के कैंसर के ट्रेंड में बदलाव आया है। कुछ साल पहले तक महिलाएं ज्यादातर बच्चादानी के मुंह (सर्विक्स) कैंसर से पीड़ित होती थी। लेकिन अब जागरूकता और साफ सफाई बढ़ने से इस कैंसर के बजाय महिलाएं स्तन कैंसर से अधिक पीड़ित हो रही हैं। स्तन कैंसर में संभाग के जिलों में जिला जम्मू सबसे ऊपर है। इसके मुख्यकारणों में शहरीकरण में बढ़ोतरी के साथ महिलाओं का स्तन स्वास्थ्य को लेकर गंभीर न होना है। संभाग के कुल स्तन कैंसर मामलों में जिला जम्मू से 35 से 40 प्रतिशत मामले मिल रहे हैं। संभाग में हो रही गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग में ऐसे तथ्य सामने आए हैं।

जीएमसी जम्मू के कैंसर विभाग के एचओडी डा. आशुतोष गुप्ता ने बताया कि जम्मू जिले में महिलाओं में स्तन कैंसर मामलों में वृद्धि हुई है। पहले बच्चेदानी के मुंह के कैंसर के अधिक मामले मिले थे, लेकिन अब इसमें बदलाव आया है। इसके प्रमुख कारणों में बदलती जीवनशैली में महिलाओं में बच्चे कम होना, गर्भधारण कम होना, शादी देरी से होना, बच्चे को डेढ़ से दो साल के बजाय 4-5 माह ही स्तनपान करवाना, फिगर दिखाने के चक्कर में स्तनपान न करवाना, नौकरी का तनाव आदि है। 

स्तन कैंसर की सामान्य तौर पर एक गांठ से शुरूआत होती है। इनमें अधिकांश मामलों में शुरू में गांठ में दर्द नहीं होता है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना आगे जाकर खतरनाक हो सकता है। स्तन कैंसर (ब्रेस्ट कैंसर) एक ऐसी बीमारी है जिसमें स्तन की कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं। स्तन कैंसर का प्रकार इस पर निर्भर करता है कि स्तन में कौन सी कोशिकाएं कैंसर में बदल गई हैं। 

स्तन कैंसर की कोशिकाएं आमतौर पर एक ट्यूमर बनाती हैं, जिसे गांठ के रूप में महसूस किया जा सकता है। स्तन कैंसर पूरी तरह से महिलाओं में होता है, लेकिन पुरुषों में भी इसकी आशंका रहती है। स्तन कैंसर रक्त वाहिकाओं और लिम्फ वेसेल्स के माध्यम से स्तन के बाहर फैल सकता है। जब स्तन कैंसर शरीर के अन्य भागों में फैलता है तो इसे मेटास्टेसिस कहा जाता है। स्तन कैंसर के मामले देर से पता चलने पर मृत्यु दर बढ़ रही है।

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