जम्मू संभाग के जिला राजोरी के ढांगरी में दोहरे आतंकी हमले के बाद अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती का फैसला लिया गया है। इसी के चलते गुरुवार को सीआरपीएफ जवानों का काफिला राजोरी के ढांगरी में पहुंचा। जवानों ने यहां सुरक्षा के लिए मोर्चा संभाल लिया है।
नियंत्रण रेखा (एलओसी) से सटे राजोरी व पुंछ जिले में सीआरपीएफ की अतिरिक्त 20 कंपनियों की तैनाती का निर्णय लिया गया है। दो हजार से ज्यादा जवानों को अल्पसंख्यकों की आबादी वाले संवेदनशील इलाकों में भेजा जाना है। भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा से सटे राजोरी और पुंछ जिले आतंकवाद के शुरुआती दौर में खासे प्रभावित रहे।
इसे लेकर सरपंच धीरज शर्मा ने कहा कि उन्होंने सुरक्षा की मांग की और एलजी ने कहा कि उनकी सुरक्षा संबंधी मांगों को 7 दिनों के भीतर पूरा किया जाएगा। वह त्वरित कार्रवाई के लिए एलजी मनोज सिन्हा और केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हैं।’
राजोरी में 1990 के दशक में भी इस तरह की घटनाएं होती थीं। धीरे धीरे राजोरी और पुंछ में आतंकवाद कम होता गया और सुरक्षाबलों की तैनाती में कमी की गई। यहां तक कि विलेज डिफेंस कमेटियों के लोगों से हथियार भी ले लिए गए। इन कमेटियों को दोबारा बहाल करने की मांग उठी है।