मध्य प्रदेश में 88 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं का रु. 6,000 करोड़ का बकाया बिल माफ

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान दो घंटे से अधिक समय तक सरकार का पक्ष रखा। सीएम ने अपने भाषण में महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं और शासन की उपलब्धियां गिनाईं। हालांकि ये सभी घोषणाएं 2023 को ध्यान में रखकर की गईं लगती हैं।

मध्य प्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसकी तैयारियां सभी दल कर रहे हैं। सोमवार को सीएम की घोषणाओं को भी इसी नजर से देखा जा रहा है। इस सबके बीच एक बात और कि शिवराज की घोषणाओं में वे सभी बातें शामिल दिख रही हैं, जिसके दम पर कई राज्यों में सरकार बनती देखी गई हैं। देखते हैं कैसे

आप की घोषणाओं में बिजली मुफ्त देना, बिल माफ करना प्राथमिकता में था।

बिजली
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कि प्रदेश में कोविड काल के बिजली बिल माफ करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने बिलों का भुगतान कर दिया है, उनकी राशि अगले बिलों में समायोजित की जाएगी। कोरोना काल में 88 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं का रु. 6,000 करोड़ का बकाया बिल माफ किया जाएगा।

दिल्ली के बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है। आप की घोषणाओं में बिजली मुफ्त देना, बिल माफ करना प्राथमिकता में था। अब शिवराज भी इसी रास्ते फिर सत्ता की रहा तलाशते दिख रहे हैं। 2018 में कमलनाथ सरकार भी यही कर चुकी है। शिवराज ने इसे कोरोना के नाम से आगे बढ़ाने की कोशिश की है।
 

तस्वीर 2018 की है, जब कांग्रेस ने किसानों का कर्ज 10 दिन में माफ करने का कहकर सरकार बनाई थी। कमलनाथ ने किसानों के कर्जमाफी के कागजातों पर हस्ताक्षर किए थे।

किसान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज किसानों को भी राहत देने का ऐलान किया। सीएम ने कहा कि कमलनाथ सरकार के दौरान किसानों की कर्ज माफी नहीं होने से कई किसान डिफॉल्टर हो गए। जो किसान डिफॉल्टर हो गए हैं, उनके कर्ज का ब्याज सरकार भरेगी।

2018 के चुनावों की बात करें तो कांग्रेस ने किसानों के कर्ज की बात कर ही मप्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान में सरकार बनाई थी। किसान हर चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा रहते हैं। केंद्र सरकार भी किसानों के मुद्दे को केंद्र में रखते हुए कई योजना बना चुकी है। हाल ही हुए उप्र के चुनावों में भी किसानों के लिए लगभग हर दल ने घोषणा पत्र में जगह दी थी।

उप्र में योगी को बुलडोजर बाबा कहा जाने लगा है। जीत के बाद लोगों ने बुलडोजर पर ही जुलूस निकाला था।

माफियाराज
सीएम ने एक बात और कही कि प्रदेश सरकार भूमाफिया पर लगातार कार्रवाई कर रही है। भूमाफिया से 21 हजार एकड़ जमीन मुक्त कराई गई है। इस जमीन पर गरीबों के लिए मकान बनाए जाएंगे। 

उत्तरप्रदेश में योगी सरकार के फिर दमदारी से लौटने के पीछे अपराधियों पर सख्ती को भी एक कारण माना जा रहा है। अपराधियों के ठिकानों पर जमकर बुलडोजर चला। परिणाम के बाद तो लोगों ने बुलडोजर पर रैलियां की। योगी को बुलडोजर बाबा भी कहा जाने लगा। शिवराज ने भी माफिया पर सख्ती वाला रूप धरना शुरू कर दिया है। ये घोषणा भी उप्र चुनाव से प्रेरित बताई जा रही है। हालांकि मप्र में अपराधियों पर लगाम कसने के लिए पहले से ही इस तरह की कार्रवाई की जाती रही हैं। लेकिन उप्र के अपार बहुमत के बाद फिर बुलडोजर चर्चा में आया है।

अगले चुनावों में मध्य प्रदेश में किसका चेहरा सामने रखकर चुनाव लड़ा जाएगा, फिलहाल तय नहीं है।

सीएम की दावेदारी पर भी कयास
अगले चुनावों में मध्य प्रदेश में किसका चेहरा सामने रखकर चुनाव लड़ा जाएगा, फिलहाल यह कहना जल्दबाजी होगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया की सक्रियता भी कहीं न कहीं अटकलों को हवा दे रही है। वहीं उमा भारती का प्रदेश में फिर सक्रिय राजनेता के रूप में सामने आना भी चर्चा का विषय है। आज की घोषणाओं और सरकार की उपलब्धियों को भी राजनीति के चश्मे से देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि शिवराज फिर से दावेदारी के लिए काम गिना रहे हैं। अब इन बातों में कितनी सच्चाई है, ये तो वक्त ही तय करेगा।

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