मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में डेल्टा प्लस वैरिएंट का एक और मामला सामने आया

देश-प्रदेशराजधानी में कोरोना वायरस के डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट को लेकर बढ़ रही चिंता के बीच राजधानी भोपाल में इसका एक और मामला सामने आया है। शहर के साकेत नगर क्षेत्र में 65 साल की एक महिला में कोराना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि हुई है। महिला को मई के पहले हफ्ते में कोरोना संक्रमण हुआ था। उन्हें कोरोना से बचाव के टीके का एक डोज भी संक्रमित होने के पहले लग चुका था। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के मुताबिक महिला की हालत अब ठीक है।गौरतलब है कि राजधानी में हफ्ते भर पहले भी 65 साल की एक महिला में डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि हुई थी। दोनों महिलाओं के घर करीब एक किमी की दूरी पर हैं। पहले जिस महिला में यह वैरिएंट मिला था, उसकी भी हालत ठीक है। प्रदेश में अभी तक छह मामले इस वैरिएंट के मिल चुके हैं। इनमें दो की मौत हो चुकी है।

विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार सीहोर के कालापीपल की दो साल एक बच्ची 10 मई को कोरोना संक्रमित हुई थी। बच्ची में वैरिएंट की जांच के लिए सैंपल भोपाल भेजे गए थे। जांच रिपोर्ट में अब डेल्टा प्लस वैरिएंट की पहचान हुई है। अधिकारियों का कहना है कि बच्ची की कांट्रैक्ट हिस्ट्री पता करने के लिए भोपाल और सीहोर में दोनों जगह प्रयास किए जा रहे हैं। बच्ची के परिजनों का जो मोबाइल नंबर रिकार्ड में दर्ज है उस पर संपर्क नहीं हो पा रहा है। बच्ची को खोजने के लिए सीहोर और भोपाल की दो अलग-अलग टीमों को लगाया गया है।

महिला की हो गई थी मौत, पति स्वस्थ

उज्जैन के ऋषिनगर निवासी 59 वर्षीय महिला की कोरोना संक्रमण के चलते 23 मई को मौत हो गई थी, जबकि उसका पति ठीक हो गया है। कोरोना के वैरिएंट की रिपोर्ट अब आई है। महिला ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी। उज्जैन की ही घट्टिया निवासी 52 वर्षीय एक अन्य महिला में भी डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला है। इस महिला ने टीका लगवाया था और स्वस्थ होने पर तीन दिन में ही अस्पताल से छुट्टी कर दी गई थी। नोडल अधिकारी डॉ. रौनक एलची के अनुसार 20 मई को कुछ सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गए थे। इनमें से दो महिलाओं में डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि हुई है। ऋषिनगर निवासी महिला को 17 मई को फ्रीगंज स्थित संजीवनी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां 20 मई को ऑक्सीजन कम होने पर आइसीयू में भर्ती करने के लिए उसे निजी अस्पताल ले जाया गया था। तीन दिन बाद 23 मई को मौत हो गई थी। पति उससे 15 दिन पूर्व संक्रमित हुआ था। इलाज के बाद वह ठीक हो चुका था। पति को टीका लग चुका था। परिवार में कोई और संक्रमित नहीं हुआ था।

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