राजधानी भोपाल के शिवाजी नगर, तुलसी नगर क्षेत्र में मंत्री विधायकों के बंगले बनाने का प्रस्ताव प्रक्रिया में है। इसे लेकर लगातार विरोध किया जा रहा है। अगर प्रस्ताव पास हुआ तो बंगले बनाने के लिए करीब 29 हजार पेड़ों के काटना पड़ेगा। पेड़ों को काटने के विरोध में बुधवार को कांग्रेस के पूर्व मंत्री-विधायक पीसी शर्मा, पार्षद योगेंद्र सिंह गुड्डू चौहान के नेतृत्व में रविशंकर मार्केट में रहवासी धरने पर बैठ गए। पूर्व मंत्री शर्मा का कहना है कि पहले स्मार्ट सिटी के नाम पर पेड़ों को काटा गया। वहां से लोगों को बेघर किया गया। जिन पेड़ों को शिफ्ट किया गया, वे आज जीवित नहीं हैं। जिन लोगों को वहां से बेघर किया गया, वे आज तक भटक रहे हैं, उनको आवास नहीं मिले। अब री-डेपलपमेंट के नाम पर शिवाजी नगर, तुलसी नगर के पेड़ों को काटने पर सरकार आमादा है। यहां से भी हजारों लोगों को बेघर कर दिया जाएगा।
पुराने बंगलो का करें री डेवलपमेंट, नए बनाने की जरूरत नहीं
पीसी शर्मा ने कहा है कि शहर में मंत्री और विधायकों के लिए पर्याप्त बंगले हैं। उनका री-डेवलपमेंट किया जाना चाहिए। शिवाजी नगर में हजारों लोगों को बेघर किया जा रहा है। यह नहीं होने देंगे। इसके लिए भले ही जेल जाना पड़े। कांग्रेस विधानसभा में यह मुद्दा उठाया जाएगा। दिल्ली तक इस मुद्दे को लेकर जाएंगे, लेकिन यहां के लोगों को न बेघर होने देंगे और न ही शिवाजी नगर के 40 साल पुराने 29 हजार पेड़ों को काटने देंगे। धरना प्रदर्शन में पूर्व मंत्री, पार्षद, कांग्रेस कार्यकर्ता समेत बड़ी संख्या स्थानीय रहवासी शामिल हुए।
स्मार्ट सिटी के नाम पर हुआ धोखा
प्रदर्शन के दौरान प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और इस प्रस्ताव को रद्द करने की मांग की। पूर्व मंत्री शर्मा का कहना है कि स्मार्ट सिटी के नाम पर जनता के साथ जो धोखा हुआ है। वह जनता को याद है। उसे दोबारा नहीं होने दिया जाएगा। यहां सरकार ने 2267 सरकारी बंगलों और मकानों को तोड़ने का प्लान बनाया है। मंत्रियों के लिए 30 बंगले, 16 फ्लैट और 230 विधायकों के फ्लैट के साथ 3480 सरकारी अफसरों के बंगले और मकान बनाने की योजना है।

पेड़ों से चिपककर महिलाएं बोली यह पेड़ बच्चे की तरह
राजधानी भोपाल की हरियाली को बचाने के लिए अब महिलाएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। बुधवार को इन पेड़ों को बचाने के लिए पांच नंबर स्टॉप के पास सैकड़ों महिलाएं एकत्रित हुईं और पेड़ों से चिपककर हरियली बचाने के लिए गुहार लगाई। साथ ही चेतावनी दी कि यदि सरकार यहां पेड़ों को काटती है, तो हम उत्तराखंड की तरह भोपाल में भी चिपको आंदोलन करेंगे।
पेड़ों को बचाने के लिए पांच नंबर बस स्टॉप के पास पहुंची महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये पेड़ हमारे बच्चों की तरह हैं। ये हमारे सुख के साथी हैं। 50 से 60 साल पुराने बड़े पेड़ों को कटने नहीं दिया जाएगा। ये भोपाल के लिए फेफड़े की तरह काम कर रहे हैं। ऐसे में इन पेड़ों को बचाने के लिए भोपाल के बच्चे, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग सभी नूतन कॉलेज के सामने 14 जून को शाम 6 बजे एकत्रित होंगे। इसके बाद पेड़ों की पूजा कर रक्षासूत्र बांधा जाएगा।