दमोह के नरसिंहगढ़ में आउटसोर्स बिजली कर्मचारी महेश रजक की सुधार कार्य करते समय करंट से मौत हो गई थी। परिजन पोस्टमार्टम के बाद एक करोड़ की सहायता राशि की मांग करने कलेक्ट्रेट पहुंच गए। जहां मेन गेट पर पुलिस से उनकी झड़प हो गई। महिलाओं की सीएसपी अभिषेक तिवारी के साथ धक्का-मुक्की तक हो गई। हालांकि कलेक्टर से मुलाकात के बाद पीड़ित परिवार को ढाई लाख की सहायता राशि दिलाई गई और अन्य मांगें मानी गईं। इसके बाद परिवार के लोग शांत हुए।
गौरतलब है कि दमोह देहात थाना क्षेत्र में आने वाले चंपत पिपरिया गांव के पास मौजा झिरा में बिजली लाइन सुधार करते समय खंभे पर चढ़े लाइनमैन महेश रजक को करंट लग गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना रविवार शाम करीब 4 बजे की है। घटना के बाद से रात 9 बजे तक शव खंभे पर ही लटका रहा। स्थानीय लोगों ने बिजली कंपनी के अधिकारियों को खबर की, लेकिन कोई मौके पर नहीं पहुंचा। इसके बाद परिवार के लोग मौके पर पहुंचे और उन्होंने जन प्रतिनिधियों से शिकायत की तब जाकर शव को खंभे से उतारा गया।
पांच बच्चे कैसे पलेंगे
37 वर्षीय मृतक लाइनमैन महेश रजक के परिजन महेंद्र ने बताया कि बिजली कंपनी के अधिकारियों द्वारा कोई मदद नहीं की गई। जनप्रतिनिधियों को खबर की गई तब जाकर शव उतारा गया। जिसकी मौत हुई है उसके पांच बच्चे हैं, पत्नी है। अब उनके परिवार का भरण पोषण होना काफी कठिन हो जाएगा। इसलिए उनकी मांग है कि परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दें और मुआवजे के रूप में एक करोड़ रुपये की राशि दें। पुलिस ने शव को शवगृह में रखवा दिया गया है।

पोस्टमार्टम के बाद परिजन कलेक्ट्रेट पहुंचे
सोमवार दोपहर पोस्टमार्टम के बाद बड़ी संख्या में परिजन और समाज के लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां उन्होंने प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके पहले ही कोतवाली और देहात थाना पुलिस के साथ सीएसपी अभिषेक तिवारी कलेक्ट्रेट के मेन गेट पर खड़े हो गए और गेट लगवाकर अंदर पुलिस लगा दी। परिजन कलेक्टर से मिलने की मांग कर रहे थे जबकि अन्य अधिकारी उनसे मुलाकात करने आ रहे थे। जिससे परिजन आक्रोशित हो गए और पुलिस के साथ हल्की सी झड़प हो गई। महिलाओं ने सीएसपी अभिषेक तिवारी के साथ धक्का मुक्की कर दी। काफी देर हंगामा होने के बाद कलेक्टर ने परिजनों को बात करने बुलाया और उनकी मांगों पर कार्रवाई करने की बात कही।
कलेक्टर ने दिया आश्वासन
मृतक के भाई विजय ने कहा कि मृतक के परिवार को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। परिजनों की बात सुनने के बाद कलेक्टर मयंक ने कहा पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। बिजली कंपनी की ओर से पीड़ित परिवार को ढाई लाख की सहायता राशि दी जा रही है, एक व्यक्ति को अनुकंपा नियुक्ति और पेंशन भी दी जाएगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री सहायता कोष से भी राशि देने के लिए पत्र लिखा जा रहा है।