सरकार सस्टेनेबल बजट लाई, देश को ग्लोबल और आत्मनिर्भर बनाने पर जोर: आनंद जैन

सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले वर्ष का यह बजट आने वाले पांच वर्षों का रोड मैप बनाकर ग्लोबल, आत्मनिर्भर, कृषि उन्मुख और सस्टेनेबल देश की छवि वाला है। जहां कई उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी कम करके एक विश्व स्तरीय प्रतिस्पर्धा उद्योगों के मध्य रहे उसके के साथ साथ मशीन और equipments के लिए 100 करोड़ तक के लोन मे सरकारी गारंटी निश्चित ही आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के लिए एक कदम है। 

29 वर्ष की औसत आयु वाले इस युवा देश के युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट, रोजगार या उद्यमिता के प्रावधानों से नए युवा पीढ़ी को फायदा मिलेगा। एंजल टैक्स हटाने से स्टार्टप, इनोवेटिव आइडिया को फायदा मिलेगा, युवाओं को पूंजी जुटाने मे सहायक होगा। कृषि पर दिया गया विशेष जोर जिसमें नई और आधारभूत फसलों पर विशेष ध्यान दिया गया है। निश्चित ही पुन: भारत को एक विनियामक देश के रूप में नई पहचान देगा। 

कैपिटल गेन टैक्स में किया बड़ा बदलाव
कर प्रावधानों में किए गए बड़े बदलाव जैसे कैपिटल गेन टैक्स में 7.50% कमी, टीडीएस प्रावधानों मे परिवर्तन, कर स्लेब और डिडक्शन मे मामूली सी छूट, बड़ा नहीं पर फायदा जरूर देगी। आगामी 6 माह में आयकर प्रावधानों का आंकलन किया जाएगा। ऐसा भी बजट भाषण मे सुनने को मिला जिसमें कर प्रणाली को ओर सरल, एक्ट को छोटा करना, विवादों को कम कर सरलीकरण आदि पर ध्यान रहेगा। 

भू आधार – बहुत बड़ा परिवर्तन साबित होगा
सभी भूमियों को भू आधार से जोड़कर उसका रिकार्ड तैयार होगा जिसमें सभी भूमियों की जानकारी होगी यह बदलाव निश्चित तौर पर रियल एस्टेट मे क्रांति लाएगा। कई जमींदारों की सम्पत्ति रिकार्ड पर आएगी जिससे एक नई चाल रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगी। सम्पत्ति के दाम कम होने की संभावना अधिक है।

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