राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की घोषणा के बाद मध्यप्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। गहलोत ने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का ऐलान किया था। इसके बाद से मध्यप्रदेश में भी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग जोर-शोर से उठाई जा रही है। मप्र कांग्रेस इसे भुनाने में लग गई। वह कर्मचारियों के साथ खड़ी हो गई है। अब कांग्रेस 7 मार्च से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में पुरानी पेंशन लागू कराने के लिए संकल्प पारित करेगी। इस तरह कांग्रेस बड़े वोट बैंक को साधने में लगी है।
कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने मध्य प्रदेश में पुरानी पेंशन स्कीम शुरू करने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान से मांग की है। उनका कहना है कि उन्होंने पुरानी पेंशन योजना को लेकर विधानसभा में प्रश्न भी लगाया है। पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर सदन में चर्चा की जाएगी। कांग्रेस इसके लिए संकल्प भी पारित कराएगी। इसके बाद सरकार कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन देने के लिए मजबूर हो जाएगी।
पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा का कहना है कि यह काम वही सीएम कर सकता है, जो वोट की राजनीति से उठकर काम करे। कर्मचारियों के लाखों परिवार पीड़ित हैं, वह पेंशन की मांग कर रहे हैं। इस मामले में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने बाजी मारी है। कांग्रेस के 50 से भी ज्यादा विधायकों ने विधानसभा में प्रश्न लगाए हैं।
कर्मचारियों को भी विधानसभा सत्र का इंतजार
कर्मचारी संगठन शिवराज सरकार के बजट का इंतजार कर रहे हैं। कर्मचारी सरकार का रुख देखना चाहते हैं, जो कि इस विधानसभा सत्र से साफ हो सकेगा। इसक बाद आंदोलन की रणनीति बनाकर प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू किए जाएंगे। मप्र पुरानी पेंशन बहाली संघ 13 मार्च को भोपाल में आंदोलन करेगा।