मध्य प्रदेश कैबिनेट: सेमी कंडक्टर और ड्रोन नीति को मंजूरी

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई. इसमें मध्य प्रदेश सेमीकंडक्टर नीति-2025, हुकुमचंद मिल परियोजना और प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 को लागू करने की मंजूरी दी गई. सीएम मोहन यादव ने कहा कि पीएम आवास योजना के तहत अगले 5 साल में 10 लाख मकान बनाए जाएंगे. प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 योजना से आर्थिक रूप से कमजोर और मध्यम आय वर्ग के परिवारों को फायदा होगा. इसमें 50 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे.

PPP मॉडल पर लागू होगा परियोजना

इस योजना के तहत लाभार्थी संचालित निर्माण (बीएलसी) के जरीए ईडब्ल्यूएस वर्ग को अपनी जमीन पर मकान बनाने के लिए अनुदान मिलेगा. प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के तहत 10 लाख मकान बनाए जाएंगे. इसके लिए 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश संभावित है. शहरी आवास योजना में बड़े शहरों को झुग्गी मुक्त बनाने के लिए पीपीपी मॉडल पर परियोजनाओं को लागू करने की मंजूरी दी गई है. वहीं, इस योजना के तहत प्रति मकान 2.50 लाख रुपए की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी.

भागीदारी में किफायती आवास (एएचपी) के तहत शहरी निकायों, राज्य की अन्य निर्माण एजेंसियों द्वारा ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए मकान बनाकर उपलब्ध कराए जाएंगे. एएचपी के तहत शहरी प्रवासियों में कामकाजी महिलाओं, श्रमिकों, बेघरों के लिए किराये के आवास उपलब्ध कराए जाएंगे. योजना में कल्याणी महिलाओं, एकल महिलाओं, दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडरों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों और समाज के अन्य कमजोर व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी.

सेमीकंडक्टर नीति से 14,400 रोजगार सृजित होंगे

मोहन यादव सरकार ने मध्य प्रदेश सेमीकंडक्टर नीति 2025 के क्रियान्वयन को मंजूरी दे दी है. इसके तहत उत्कृष्टता केंद्रों, स्किल इंडिया जैसी पहल और वैश्विक कंपनियों के साथ भागीदारी को समर्थन दिया जाएगा. इससे चिप डिजाइन, विनिर्माण और सिस्टम इंटीग्रेशन में लाखों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे. आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य को इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा.

कैबिनेट में लिए गए निर्णय के अनुसार, राज्य में निवेश के लिए बनाए गए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा दिया जाएगा. मध्य प्रदेश में एक स्थायी पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जाएगा. उत्कृष्टता केंद्र के माध्यम से कौशल का विकास किया जाएगा. राज्य में सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में निवेश आकर्षित किया जाएगा. इससे राज्य में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. इससे घरेलू और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.

ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025

ड्रोन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रदेश को अग्रणी बनाने के लिए ड्रोन नीति-2025 को मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदित किया गया है. आर्थिक विकास ड्रोन नीति से प्रदेश में निवेश आकर्षित होगा, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. रोजगार सृजन ड्रोन उद्योग में नए रोजगार सृजित होंगे, जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे. कृषि सुधार ड्रोन का उपयोग परिशुद्ध कृषि, फसल निगरानी एवं सिंचाई प्रबंधन में किया जाएगा, जिससे कृषि उत्पादन में सुधार होगा. आपदा प्रबंधन में ड्रोन के उपयोग से त्वरित प्रतिक्रिया एवं राहत कार्यों में सहायता मिलेगी.

मानव सुरक्षा एवं जन सुरक्षा ड्रोन का उपयोग निगरानी, ​​भीड़ नियंत्रण एवं अपराध जांच में किया जाएगा. शिक्षा एवं कौशल विकास शैक्षिक कार्यक्रमों में ड्रोन प्रौद्योगिकी को शामिल किया जाएगा. इस प्रकार, नई ड्रोन नीति से मध्य प्रदेश को बहुआयामी लाभ प्राप्त होंगे, जिससे राज्य की समग्र प्रगति एवं विकास को अभूतपूर्व बढ़ावा मिलेगा. कृषि, अधोसंरचना, आपदा प्रबंधन, जन सुरक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में ड्रोन प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा.

हुकुम चंद मिल परियोजना को मंजूरी

बैठक में इंदौर की हुकुम चंद मिल की जमीन इंदौर नगर निगम से लेकर हाउसिंग बोर्ड को देने का निर्णय लिया गया है. इंदौर शहर में इस परियोजना से शहर के लिए शॉपिंग मॉल, बाजार, कार्यालय स्थल, आवासीय क्षेत्र और उद्यानों का निर्माण होगा. इस योजना से इंदौर नगर निगम को संपत्ति कर और राजस्व भी मिलेगा, जिसका उपयोग शहर की संरचनाओं के लिए किया जाएगा. इस परियोजना पर करीब 4500 करोड़ का निवेश होगा और 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. परियोजना में ग्रीन बिल्डिंग, जीरो डिस्चार्ज, ऊर्जा दक्षता, पर्यावरण और जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

वेटरनरी कॉलेज के छात्रों का स्टॉयपेंड बढ़ाया गया

मंत्री-परिषद की बैठक में सरकारी पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के इंटर्नशिप छात्रों का स्टॉयपेंड बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. इसमें पढ़ने वाले स्नातक छात्रों के लिए इंटर्नशिप स्टायपेंड में 7600 को बढ़ाकर 10000 रुपए करने की मंजूरी मिली है. पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 के तहत नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय 3 नवम्बर 2009 को स्थापित किया गया है. प्रदेश में तीन डिग्री कॉलेज जबलपुर, महू और रीवा में है. इन महाविद्यालयों में कुल 300 छात्रों के प्रवेश की क्षमता है.

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