महिला आरक्षण बिल में पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को विशेष स्थान दिलाने की मुहिम छेड़ने वाली उमा भारती आज एक कार्यक्रम में आरक्षण पर खुलकर होकर बोलीं। इतना ही वे इशारों इशारों में अपनी ही सरकार और सिस्टम पर भी कटाक्ष करने से भी नहीं चूकीं।
मध्य प्रदेश में चुनाव आते ही माई का लाल का नारा एक बार फिर सामने आ गया है। इस बार पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने यह नारा छेड़ा है। उनका कहना है कि कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता। साथ ही उमा भारती एक बार फिर सक्रिय राजनीति में आना चाहती हैं। उन्होंने चुनाव लड़ने की मंशा भी जाहिर की है। रवींद्र भवन में पिछड़ा वर्ग के कार्यक्रम में उमा भारती शामिल हुई थीं। यहां उन्होंने कहा कि ओबीसी को सरकारी नौकरी में 27% आरक्षण मिलना चाहिए। एससी-एसटी के लोग चाहेंगे तो आरक्षण खत्म होगा।

उमा ने कहा कि गरीब सवर्ण को भी 10% आरक्षण मिल रहा है, लेकिन महिला आरक्षण बिल पास हो गया इसके लिए आभार पर पिछड़ी जाति की महिलाओं को आरक्षण दिए बिना बिल लागू नहीं हो सकता है। उमा ने कहा कि यह बात ध्यान रखना चाहिए। सरकार को सर्वहारा वर्ग का ध्यान रखना होगा। चुनाव टाइम में भले ही आप लोगों को हाथ नहीं जोड़ना पड़े लेकिन चुनाव के बाद हाथ ज़रूर आपको जोड़ना पड़ेगा। रावण की लंका और राम का उदाहरण देते हुए उमा भारती में कहा कि राम सर्वहारा थे इसलिए लंका धूं-धूं कर के जल गई और रावण की मुण्डियाँ कटती नज़र आईं। इसलिए कहते हैं जो सर्वहारा होता है उसकी जीत निश्चित ही होती है।
कुछ लोग खा रहे खीर
उन्होंने कहा कि राम राज्य की स्थापना सभी समुदायों को मिलाकर हुई थी, समाज की विषमता से राम राज्य कि स्थापना नहीं होती। कुछ लोग चाँदी की चम्मच में खीर खा रहे हैं और कुछ गरीब लोग जंगल के खट्टे बेर खा रहे हैं। केवट का उदाहर देते हुए उमा ने किया सरकार पर कटाक्ष किया कि सरकार बनने के बाद केवट को नहीं भूलना चाहिए। उसका वन उसका तालाब उसका मछुआरा नहीं भूलना चाहिए। पता चला पट्टा किसी का, खनन किसी और का, ज़मीन किसी और की।
दूसरे राज्य से लडूंगी चुनाव
उमा भारती ने कहा कि वे मध्य प्रदेश न लोकसभा लड़ेंगी न विधानसभा। हां लेकिन किसी अन्य राज्य से उन्हें मौक़ा दिया जाएगा तो वे वहां से चुनाव लड़ेंगी। पार्टी जैसा मौक़ा देगी वे उसी हिसाब से काम करेंगी।
वन इलेक्शन का समर्थन
उमा भारती ने वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन करते हुए कहा कि यह बहुत ज़रूरी है। देश में जब देखो तब चुनाव और चुनावी रैलियाँ होती रहती हैं। इसलिए मैं तो कहती हूँ लोकसभा विधानसभा और नगर पंचायत निकायों के चुनाव एक साथ करा देने चाहिए।
सिस्टम पर सवाल
उमा भारती ने सरकारी सिस्टम पर सवाल उठाते हुए कहा कि बड़ी बड़ी बिल्डिंग बनती तो हैं मगर उससे विकास कम, ठेकेदारों को लाभ ज़्यादा हो होता है। सरकारी स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों जैसी व्यवस्था होना चाहिए। शिक्षकों को उचित वेतन मिलना चाहिए। ज़रूरत के मुताबिक़ तबादले होना चाहिए।