कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी, पश्चिम मध्य रेल के केंद्रीय अस्पतालों में जल्द शुरू होंगे ऑक्सीजन प्लांट

कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए पश्चिम मध्य रेल ने कोविड -19 से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। रेलवे अपने अस्पतालों में मेडिकल सुविधाओं को बेहतर करने पर जोर दे रहा है। भारतीय रेलवे ने देश भर के 86 रेलवे अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट वृद्धि की योजना तैयार की है। इसमें सभी रेलवे कोविड चिकित्सालयों को ऑक्सीजन प्लांट से लैस किया जाएगा।

इनमें से पश्चिम मध्यप्रदेश रेल के जबलपुर, भोपाल और कोटा में भी प्लांट लगाए जाएंगे। जिससे जरूरत के समय कोविड-19 संक्रमण के मरीजों को तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सके। पश्चिम मध्य रेल के केंद्रीय चिकित्सालय जबलपुर में 600 लीटर प्रति मिनट (36 M3/hr), भोपाल और कोटा में 500-500 लीटर प्रति मिनट ( 30 M3/hr) का ऑक्सीजन प्लांट सितंबर से शुरू होंगे।

ये सभी ऑक्सीजन प्लांट PSA (Pressure Swing Adsorption) मेडिकल ऑक्सीजन गैस की पद्धति से कार्य करते हैं। इनमें तीन मुख्य यूनिट होंगे जैसे रेफ्रिजरेटर एयर ड्राइंग यूनिट को लगाना, ट्वीन टॉवर पीएसए मोड्यूएल को स्थापित करना एवं ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक बनाना।

3 महीने में हो जाएंगे तैयार

रेलवे चिकित्सालयों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने से कोविड संक्रमण के मरीजों को समय रहते ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सकेंगी। यह सभी प्लांट अगले 3 महीनों में स्थापित कर दिए जाएंगे। इससे रेलवे चिकित्सालय में मेडिकल सुविधाओं का विस्तार होगा और इसी के साथ पश्चिम मध्य रेल के रेलवे चिकित्सालयों में सुविधाओं की वृद्धि से चिकित्सा आपात स्थितियों से निपटने के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे की शुरुआत करने में मदद मिलेगी। अभी रेलवे तरल चिकित्सा ऑक्सीजन से भरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस को तेजी से देश भर के राज्यों को अलग-अलग हिस्सों में पहुंचा रही है।

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