सीहोर: सोयाबीन खरीदी में गड़बड़ी पर सख्त हुआ प्रशासन, नहीं सुधरे तो होगी एफआईआर

सीहोर जिले में सोयाबीन की खरीदी में लगातार मिल रही गड़बड़ी की शिकायत के बाद प्रशासन अब सख्त हो गया है। खरीदी केन्द्रों पर बीते दिनों किए गए औचक निरीक्षण के बाद हिदायत देने के बावजूद भी वेयर हाऊस प्रबंधकों के द्वारा अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं लाया गया। जिले के अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान ही एक खरीदी केन्द्र को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया था। उसके बाद भी लगातार शिकायतें कम होने का नाम नहीं ले रही थी, जिसके चलते भैरूंदा एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी ने जिले के अधिकारियों की मौजूदगी में जनपद पंचायत के सभागार में आयोजित बैठक में वेयर हाऊस संचालक, समिति प्रबंधक, सर्वेयर, ऑपरेटर, वेयर हाऊस प्रबंधक को स्पष्ट निर्देश दिए कि यदि सोयाबीन खरीदी में गड़बड़ी हुई तो एफआईआर के लिए तैयार रहें। 

शासन के द्वारा जो मानक निर्धारित किये गए हैं उसी हिसाब से खरीदी की जाये। कोई भी अपनी मनमानी नहीं करे। लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं कि सर्वेयर बिना पैसों के सोयाबीन को एफएक्यू नहीं कर रहे हैं। वेयर हाऊस संचालक व समिति प्रबंधक जो उपज खरीद रहे हैं, उनकी भर्ती 50 किलो से कम वजन की पाई जा रही है, जबकि मानक के हिसाब से 50 किलो 600 ग्राम वजन एक कट्टी का होना चाहिए। शिकायत यह भी है कि खरीदी केंद्रों पर सोयाबीन की तुलाई छोटे इलेक्ट्रानिक तौल कांटे से नहीं की जाकर फ्लैट कांटे से की जा रही है और अनावश्यक माल का भंडारण कर वेयर हाऊसों में किया गया हैं। अब ऐसा नहीं चलेगा।

आप लोगों के पास सिर्फ पांच दिन का समय हैं। पांच दिनों में मानक के हिसाब से सभी व्यवस्थाएं नहीं मिलती हैं तो कानूनी कार्रवाई होना निश्चित हैं। ज्ञातव्य हैं कि सोयाबीन खरीदी में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद बीते 11 दिसम्बर को उप संचालक कृषि केके पाण्डे सहित सहकारिता, नागरिक आपूर्ति निगम व वेयर हाऊस के अधिकारियों द्वारा आधा दर्जन से भी अधिक खरीदी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान दिगवाड़ के अग्रवाल वेयर हाऊस पर कट्टियों में 50 किलो 600 ग्राम के स्थान पर 40 से 45 किलो वजन पाया गया था। इसके अतिरिक्त अन्य कोई वेयर हाऊसों में खामियां मिलने पर उन्हें सुधारने के निर्देश दिए गए थे। कार्रवाई के बाद जिला प्रशासन इस मामले में सख्त हो गया था और अग्रवाल वेयर हाऊस पर खरीदी बंद कर दी गई। इसके अतिरिक्त फसल की तुलाई फ्लैट कांटे से की जा रही थी। इसी मुद्दो को लेकर एसडीएम ने बैठक आहूत की, जिसमें जिले से आये डीडीए कृषि केके पाण्डे, डीएमओ प्रशांत बामनकर, डीआर सुधीर केथवास, जीएम सीसीबी पीएन यादव, वेयर हाऊस जिला प्रबंधक अमृतलाल सूर्यवंशी, थाना प्रभारी घनश्याम दांगी, तहसीलदार सौरभ शर्मा प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

बोरियों में कम वजन मिला तो बख्शे नहीं जाओगे 
एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी ने बैठक में सोयाबीन खरीदी में हुई गड़बडिय़ों को सुधारने के लिए सभी समिति प्रबंधकों, गोदाम संचालकों, ऑपरेटरों, सर्वेयर व वेयर हाऊसिंग प्रबंधक को पांच दिन का समय दिया गया है। यदि इस अवधि में गोदामों में भंडारित माल एफएक्यू नहीं पाया गया, बोरियों का वजन 50 किलो 600 ग्राम से कम पाया जाता है, खरीदी में तुलाई छोटे कांटे के स्थान पर फ्लैट कांटे से होती है तो इस मामले में तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बैठक में सर्वेयरों को सख्त हिदायत दी हैं कि सबसे जयादा शिकायत सर्वेयरों की सामने आ रही है, जिसमें वह किसानों से पैसे लेकर नान एफएक्यूू सोयाबीन को पास कर रहे हैं। पैसे न देने पर एफएक्यू सोयाबीन को भी रिजेक्ट कर रहे हैं। यदि अब शिकायत मिलती हैं तो सर्वेयरों को भी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा। सर्वेयर किसी के दबाव में न आये और मानकों के आधार पर सोयाबीन को पास करे। 

5 दिन का अल्टीमेटम, मानक नहीं होने पर प्रशासन की एक दर्जन वेयर हाऊस पर निगाह 
डीडीए कृषि केके पाण्डे ने बताया कि निरीक्षण के दौरान सबसे ज्यादा गड़बड़ी अग्रवाल वेयर हाऊस दिगवाड़ में देखने को मिली हैं। इसके अतिरिक्त अरिहंत वेयर हाऊस लाड़कुई, पटेल वेयर हाऊस निम्नागांव, सुदामा वेयर हाऊस गिल्लौर, श्रीराम वेयर हाऊस पिपलानी, मूलचंद वेयर हाऊस बाईंबोड़ी, रामानंद वेयर हाऊस वासुदेव, शिवाय वेयर हाऊस निमोटा, माधव वेयर हाऊस दिगवाड़ में भी खरीदी में मानकों का ध्यान नहीं रखा गया हैं। उक्त सभी वेयर हाऊस संचालकों को पांच दिन का समय गलती सुधारने के लिए दिया गया है।

वेयर हाऊस संचालकों का कहना, मानक से बाहर नहीं कर रहे कोई काम
वेयर हाऊस संचालकों ने बैठक में बताया कि सोयाबीन बैग छोटे होने से खरीदी के बाद उसकी सिलाई नहीं हो पा रही हैं। बैग छोटे होने से स्टैक लगाने पर बोरियां गिर रही है, जिससे दुर्घटना का भय बना हुआ है। बैग में 48 किलो की भर्ती की जाती हैं तो उसकी सिलाई आसानी से हो जाती है और स्टैक भी अच्छे से जम जायेगी। सोयाबीन की तुलाई केंद्र के अंदर न करते हुए बाहर कराई जाये, जिससे केवल एफएक्यू माल ही गोदाम के अंदर पहुंचे।

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