सीहोर में शुक्रवार को कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी की आत्महत्या ने पूरे जिले को स्तब्ध कर दिया। इस घटना के बाद से हरसपुर गांव में मातम का माहौल है। परिजनों ने पीड़ा बयां करते हुए ईडी अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि उनके पिता ईडी द्वारा किए गए दुर्व्यवहार और प्रताड़ना के कारण मानसिक रूप से परेशान थे। इसके कारण ही उन्होंने आत्महत्या करने का कदम उठाया।
सुसाइड नोट में ईडी पर गंभीर आरोप
जानकारी के मुताबिक, मनोज परमार और उनकी पत्नी ने खुदकुशी कर ली थी। मृतक के बच्चों ने बताया कि उनके पिता ने सुसाइड से पहले उन्हें पल दो पल की खुशी का गीत सुनाया था, लेकिन उन्हें क्या पता था कि यह अंतिम पल होगा। परिवार का कहना है कि मनोज परमार पर ईडी के अधिकारियों द्वारा दबाव बनाया जा रहा था और उन्हें कांग्रेस नेताओं को ‘गुल्लक भेंट’ करने की सजा दी जा रही थी।
राहुल गांधी से बच्चों की बातचीत
इधर, शनिवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और अन्य पार्टी नेताओं के साथ, राहुल गांधी से मनोज परमार के बच्चों की बातचीत करवाई गई। इस दौरान, मनोज परमार के बेटे जतिन ने राहुल गांधी से बताया कि उनके पिता पर ईडी अधिकारी भाजपा ज्वाइन करने का दबाव बना रहे थे। हालांकि मनोज परमार ने इसका विरोध किया, जिससे वह मानसिक तनाव का शिकार हो गए।

राहुल गांधी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि घबराओ मत, मैं मिलने आउंगा। यह संवाद मृतक के बच्चों के लिए किसी आश्वासन से कम नहीं था, जिनके लिए इस कठिन समय में राहुल गांधी की बातों ने कुछ राहत दी।
ईडी का बयान
वहीं, ईडी ने इस मामले पर अपना बयान जारी किया है। ईडी ने कहा कि उनके द्वारा पांच दिसंबर को मनोज परमार के घर पर कानूनी प्रक्रिया के तहत सर्चिंग की गई थी, जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए थे। ईडी के अनुसार, मनोज परमार के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें बैंक धोखाधड़ी, बलात्कार और धमकियां देना शामिल हैं। ईडी ने यह भी बताया कि मनोज परमार मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में जांच के दायरे में था।
ईडी ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके द्वारा की गई सर्चिंग पूरी तरह कानूनी थी और गवाहों की मौजूदगी में की गई थी। इसके बावजूद, परिवार और ग्रामीणों का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया काफी दबावपूर्ण थी और ईडी के अधिकारियों का रवैया प्रताड़नात्मक था।
बैंक धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड था मनोज परमार
ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि मनोज परमार एक प्रमुख बैंक धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड था। उसने जाली दस्तावेजों का उपयोग कर बैंक से 6.20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। इसके अलावा, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत लिए गए ऋण का भी उसने दुरुपयोग किया था।
कांग्रेस नेताओं का दौरा और आश्वासन
इस पूरे मामले के बाद कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता जैसे उमंग सिंघार, अरुण यादव और कमलेश्वर पटेल हरसपुर पहुंचे और मृतक के परिवार से मुलाकात की। नेताओं ने परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, मध्य प्रदेश के आष्टा कस्बे में एक व्यवसायी और उनकी पत्नी की आत्महत्या से राजनीतिक हलचल मच गई है। मृतक जोड़े ने एक सुसाइड नोट में प्रवर्तन निदेशालय (ED) और भाजपा नेताओं पर प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस ने इसे ‘राज्य प्रायोजित हत्या’ करार देते हुए भाजपा पर तीखा हमला बोला है।
सुसाइड नोट में लगाए गंभीर आरोप
जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार सुबह सेहोर जिले के आष्टा कस्बे में व्यवसायी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा परमार को उनके घर में फांसी पर लटका पाया गया। सोशल मीडिया पर सामने आए कथित सुसाइड नोट में मनोज ने लिखा कि उन्हें ED और भाजपा नेताओं द्वारा लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। यह नोट राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को संबोधित है।
सुसाइड नोट में परमार ने कांग्रेस नेताओं से उनके बच्चों का ख्याल रखने की अपील की है। परमार का दावा है कि उनके बच्चों पर भाजपा में शामिल होने का दबाव बनाया जा रहा था।
कांग्रेस का आरोप- राजनीतिक प्रतिशोध की हत्या
कांग्रेस ने इस घटना को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीतू पटवारी ने मृतक के बच्चों से मुलाकात की और उन्हें राहुल गांधी से फोन पर बात करवाई। पटवारी ने कहा कि भाजपा और ED ने परमार परिवार को बर्बाद कर दिया क्योंकि उनके बच्चों ने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी को अपनी गुल्लक भेंट की थी।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर कहा कि मनोज परमार का एकमात्र अपराध था कि उनके बच्चों ने राहुल गांधी को गुल्लक भेंट की। भाजपा और ED के दबाव ने इस परिवार को खत्म कर दिया। यह आत्महत्या नहीं, बल्कि सुनियोजित हत्या है।
ED और भाजपा नेताओं पर आरोप
ED ने पांच दिसंबर को सीहोर और इंदौर जिलों में परमार और अन्य व्यक्तियों के परिसरों पर छापा मारा था। एजेंसी ने दावा किया कि परमार और पंजाब नेशनल बैंक के एक वरिष्ठ प्रबंधक के खिलाफ दर्ज FIR के आधार पर यह कार्रवाई की गई। आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत करीब छह करोड़ रुपये के ऋण लिए, लेकिन इनका उपयोग संपत्तियों में निवेश के लिए किया।
भाजपा और ED का बचाव
भाजपा नेता और राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीतिक साजिश बताया। पटेल ने कहा कि हम किसी भी जांच से डरते नहीं हैं। कांग्रेस को अपनी साजिशों से दूर रहना चाहिए।
परिवार और बच्चों की दयनीय स्थिति
मृतक दंपति के तीन बच्चे अब अनाथ हो गए हैं। उनके बड़े बेटे ने जीतू पटवारी से कहा कि उनके पिता ने आत्महत्या का फैसला इसलिए किया, क्योंकि वह ED के दबाव में झुकना नहीं चाहते थे।
भाजपा सरकार पर कांग्रेस का हमला जारी
वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि यह मामला केवल एक व्यवसायी को प्रताड़ित करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक पूरे परिवार को खत्म करने की साजिश है।