इंदौर में कम नहीं हुआ ब्लैक फंगस का खतरा

देश में म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस का खतरा अब भी कम नहीं हुआ है। इंदौर स्थित महाराजा यशवंतराव अस्पताल में बीते 40 दिनों में 49 मौतें इस खतरनाक संक्रमण से हो चुकी हैं।  

मध्यप्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमवायएच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यहां ब्लैक फंगस के 614 मरीज भर्ती किए गए थे। इनमें से 283 को छुट्टी दे दी गई, जबकि 49 की मौत हो गई। अभी 282 मरीज भर्ती हैं। अस्पताल के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने बताया कि ये मरीज प्रदेश के विभिन्न इलाकों से लाए गए थे।  

डॉ. दीक्षित ने बताया कि अधिकांश मरीजों को गंभीर अवस्था में अस्पताल लाया गया, इसलिए ज्यादा मौतें हुईं। फिर भी एमवायएच में इस घातक फंगल संक्रमण से मृत्युदर 8 प्रतिशत ही रही, जबकि देश के अन्य हिस्सों में यह 40 से 50 फीसदी तक रही।  

241 में कोरोना के बाद संक्रमण हुआ एमवायएच में बीते 40 दिनों में 580 संक्रमितों की सर्जरी की गई। वर्तमान भी भर्ती 282 मरीजों में से चार कोविड-19 संक्रमित हैं, जबकि 241 मरीजों को कोरोना से उबरने के बाद यह संक्रमण हुआ। हालांकि ब्लैक फंगस के 37 ऐसे संक्रमित मिले हैं, जिनका कोरोना का कोई रिकॉर्ड नहीं है।

डॉ. दीक्षित ने कहा कि हमारा मानना है कि ये लोग कोरोना संक्रमित होकर एसिम्टोमैटिक रहे होंगे। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर ने बताया कि यहां पहला ब्लैक फंगस मरीज 13 मई को भर्ती हुआ था। 

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