अतिशेष शिक्षकों का समायोजन नहीं होने के कारण तबादले में होगी परेशानी

स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए तबादला नीति घोषित कर दी है। इसके तहत सभी जिलों में रिक्त पदों को शिक्षा पोर्टल पर अपलोड करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए थे। 18 जुलाई तक रिक्त पदों के बारे में अपलोड करनी था, लेकिन यह अब तक नहीं हो पाया। इससे स्थानांतरण के इच्छुक शिक्षकों को रिक्त पदों की जानकारी हासिल करने के लिए पोर्टल नहीं खुल रहा है। पोर्टल पर खाली और भरे पद देखकर शिक्षक तबादले के लिए आवेदन करना चाहते हैं। लेकिन पोर्टल पर इन पदों के आगे जीरो लिखा है। शिक्षकों को यह जानकारी नहीं मिल रही है कि किस स्कूल में कितने पद खाली है और कितने भरे हैं। एसे में स्थानांतरण हेतु आवेदन करने के लिए शिक्षक परेशान हो रहे हैं। वहीं अतिशेष शिक्षकों का समायोजन नहीं होने के कारण इस बार भी तबादले में परेशानी होगी।

2019 में भी ऑनलाइन स्थानांतरण प्रक्रिया अपनाई गई थी। इसमें 70 हजार आवेदन आए थे। इसमें से 35 हजार शिक्षकों के तबादले हुए थे। शहरी क्षेत्रों में अतिशेष शिक्षकों की संख्या ज्यादा होने के कारण अब तक करीब 12 हजार अतिशेष शिक्षकों का समायोजन नहीं हो पाया है। वहीं भोपाल के स्कूलों में 350 से अधिक शिक्षक अतिशेष हैं। वहीं 150 से अधिक शिक्षक स्वैच्छिक स्थानांतरण कराकर शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में पदस्थ हो गए हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल शिक्षक-विहीन हो गए हैं। शिक्षक संगठनों की मांग है कि पहले से शहरी क्षेत्रों के अतिशेष शिक्षकों को रिक्त पदों पर समायोजित किया जाए।

ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल शिक्षक विहीन मप्र शिक्षक कांग्रेस के प्रांतीय प्रवक्ता सुभाष सक्सेना ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के अनेक स्कूल शिक्षक विहीन हो गए हैं। दो साल पहले शहरी क्षेत्रों में शिक्षकों के तबादला होने से ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल खाली हो गए हैं।प्रदेश भर में करीब 12 हजार अतिशेष शिक्षक हैं। पहले इनका समायोजन किया जाए। पोर्टल अपडेट कर तबादले की प्रक्रिया शुरू की जाए।

उपेंद्र कौशल, प्रदेश संयोजक, शासकीय अध्यापक संगठनसत्यापन कर लिया गया है। सभी स्कूलों से सूची मांगी गई है। जल्द ही पोर्टल पर रिक्त पदों की संख्या अपडेट कर दी जाएगी।

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