इंदौर में लगातार सातवें वर्ष अज्ञात लोगों के तर्पण में इस वर्ष कृष्णा मिश्रा गुरुजी ने देह दान, नेत्र दान करने वालों के प्रति तर्पण अर्पित कर समाज की तरफ से धन्यवाद दिया। तर्पण करने वाले लालू गुरु जाम फल वालों ने कहा कि तर्पण इंसान की मुक्ति में सर्व पितृ अमावस्या का महत्व रहता है।
कृष्णा मिश्रा गुरुजी ने कहा कि हमारा सामाजिक दायित्व है कि कोरोना काल में असामयिक मृत्यु प्राप्त लोगों के लिए अपने रीति रिवाज के हिसाब से प्रार्थना करें। वैदिक ज्ञान के अनुसार तर्पण एक ऐसी ही विधि है जो अज्ञात लोगों की मुक्ति में सहायक होती है। इस बार देह दान, नेत्र दान करने वाले लोग दूसरो के जीवन को प्रकाशमय कर गए। किसी को किडनी, किसी को लिवर, किसी को स्किन, किसी को नेत्र दान किया।
इंदौर की नेहा चौधरी (37 वर्ष) की मृत्यु के बाद सभी अंग दूसरों को लगाकर वो अमर हो गईं। अंत में ब्रह्म भोज 111 ब्राह्मण के साथ पितृ प्राणायाम के साथ पूर्ण हुआ।