महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख प्रकरण पर राजनीतिक रार तो बढ़ ही रही है, साथ ही पूर्व मुंबई कमिश्नर परमबीर सिंह ने सीबीआई जांच और देशमुख के घर के बाहर लगे सीसीटीवी को जब्त करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. इसके पहले शरद पवार ने अनिल देशमुख का बचाव करते हुए कहा कि जिन तारीखों का जिक्र परमबीर सिंह ने अपने पत्र में किया है, उन दिनों अनिल देशमुख कोरोना क्वारंटीन थे. इसकी प्रतिक्रियास्वरूप पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणनवीस ने एनसीपी सुप्रीमो पर मामले को भटकाने का आरोप लगाया है. यही नहीं, शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी परमबीर सिंह पर विपक्ष के साथ खड़ा होने का आरोप लगाया है.
सुप्रीम कोर्ट में उठाए कई सवाल
सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में परमबीर सिंह ने कहा है कि उन्होंने जो दावे किए हैं, उनकी सीबीआई द्वारा जांच की जानी चाहिए. इसके अलावा अफसर रश्मि शुक्ला ने जो ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर जो रिपोर्ट सबमिट की थी, उसकी भी जांच की जानी चाहिए. इतना ही नहीं, परमबीर सिंह ने अपील की है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के घर के सीसीटीवी की जांच होने चाहिए, ताकि सभी तथ्य हर किसी के सामने आ जाएं.
परमबीर सिंह ने लगाए गंभीर आरोप
गौरतलब है कि परमबीर सिंह को हाल ही में मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया और डीजी होमगार्ड्स के पद पर भेजा गया. सुप्रीम कोर्ट में परमबीर सिंह ने उद्धव ठाकरे सरकार के इस फैसले को भी चुनौती देते हुए रद्द करने की मांग की है. ध्यान रहे कि परमबीर सिंह ने एक चिट्ठी सामने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजी थी. इस चिट्ठी में दावा किया कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने एपीआई सचिन वाझे से हर महीने सौ करोड़ रुपये की मांग की थी, जो मुंबई के अलग-अलग क्षेत्रों से वसूले जाने थे. पहले इस चिट्ठी की सत्यता पर सवाल हुआ था, लेकिन परमबीर सिंह ने बाद में खुद कहा कि ये चिट्ठी उनकी ही है. इसके अलावा परमबीर सिंह ने दावा किया था कि सचिन वाझे ने कई बार गृह मंत्री अनिल देशमुख से मुलाकात की थी. ऐसे में इस पूरे प्रकरण की भी जांच की जानी चाहिए.