पीएम मोदी के बयान पर उद्धव का तंज: अब किसानों की याद क्यों आई?

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार पर किसानों को लेकर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बीते दो-तीन वर्षों तक जब किसान दिल्ली आकर अपनी बात कहना चाहते थे, तब उन्हें रोक दिया गया। कई गरीब किसानों की मौत हो गई, लेकिन तब सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। अब जब चुनाव नजदीक हैं, तो किसानों के हितों की बातें की जा रही हैं।

उद्धव ने दावा किया कि जब उनके पिता बालासाहेब ठाकरे ने भूख हड़ताल की थी, तब उन्हें दिल्ली आने से रोका गया। उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए गए, सुरक्षा बलों ने दीवारें खड़ी कीं और उन्हें नक्सली करार दिया गया। उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार के दावों की असलियत धीरे-धीरे जनता के सामने आ रही है।

राज ठाकरे और राहुल गांधी की संभावित मुलाकात पर प्रतिक्रिया

राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं और INDIA गठबंधन की बैठक में हिस्सा ले सकते हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव ठाकरे ने साफ कहा, “राज और राहुल दोनों सक्षम नेता हैं। हमें जो करना होगा, हम खुद तय करेंगे। किसी तीसरे की जरूरत नहीं है।”

किसानों के हितों पर पीएम मोदी का बयान

इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हितों की रक्षा के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहेगा, चाहे इसके लिए उन्हें व्यक्तिगत स्तर पर कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक कर दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार तनाव गहरा गया है।

मोदी ने स्पष्ट किया कि अमेरिका भारत के कृषि और डेयरी क्षेत्र में ज्यादा पहुंच चाहता है, लेकिन इससे भारतीय किसानों पर असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा, “हमारे लिए किसानों के हित सर्वोपरि हैं। यदि इसके लिए मुझे कोई व्यक्तिगत कीमत भी चुकानी पड़ी, तो मैं तैयार हूं।”

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