1076 पर कॉल करते ही घर पर होंगी 43 सरकारी सेवाएं, पंजाब में 10 दिसंबर से शुरू

राज्य के लोगों को 10 दिसंबर से 43 तरह की सरकारी सेवाएं उनके घर पर मात्र एक फोन कॉल पर तय समय में मिलेंगी। इनमें जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र, आमदनी, रिहायश, जाति और पेंशन प्रमाणपत्र, बिजली बिलों की अदायगी और अन्य सेवाएं शामिल हैं। इसके लिए भगवंत मान सरकार तुहाडे द्वार स्कीम शुरू करने जा रही है।

ये बातें गुरुवार को श्री फतेहगढ़ साहिब और बस्सी पठाना के सांझ केंद्रों के औचक दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहीं। उन्होंने कहा कि इस स्कीम से न सिर्फ लोगों का फायदा होगा बल्कि इससे पैसे लेकर काम करवाने वाले बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी। प्रशासन में पारदर्शिता और कार्यकुशलता आएगी।

वहीं, लोगों को बेहतर सेहत सुविधा उनके घरों के पास ही मुहैया करवाने के लिए जल्द 100 और आम आदमी क्लीनिक जनता को समर्पित किए जाएंगे। साथ ही आने वाले एक साल में राज्य में पांच नए मेडिकल कॉलेज खोलने का लक्ष्य रखा गया है। यह फैसला गुरुवार को सीएम भगवंत मान की अगुवाई में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मीटिंग में लिया गया। मीटिंग में स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह भी मौजूद रहे।

1076 पर कॉल कर करवा पाएंगे काम

सीएम ने बताया कि स्कीम का लाभ उठाने के लिए लोगों को हेल्पलाइन नंबर 1076 पर कॉल करके अपनी सुविधा के मुताबिक समय देना होगा। फोन पर ही आवेदक को संबंधित सेवा लेने के लिए जरूरी दस्तावेज, फीस और अन्य शर्तों के बारे में बता दिया जाएगा। इसके लिए आवेदक को एसएमएस प्राप्त होगा, जिसके द्वारा जरूरी दस्तावेजों, तारीख और समय के बारे में पता चलेगा।

मान ने कहा कि निश्चित समय के मुताबिक विशेष प्रशिक्षण प्राप्त मुलाजिम टैबलेट लेकर संबंधित आवेदक के घर या दफ्तर जाएंगे और सारी अपेक्षित कागजी प्रक्रिया पूरी करेंगे और फीस जमा करेंगे। आवेदक को रसीद भी दी जाएगी। वह अपने आवेदन पर चल रही प्रक्रिया के बारे में जान सकेगा।

लोगों की जरूरत के हिसाब से खुलेंगे क्लीनिक

सीएम ने मीटिंग में कहा कि अब तक 664 आम आदमी क्लीनिक लोगों को समर्पित किए गए हैं, इनमें 84 जरूरी दवाएं और 40 से अधिक टेस्टों की सुविधा मुफ्त मुहैया करवाई जा रही है। ऐसे में लोगों की जरूरत के हिसाब से तैयार किए गए नए क्लीनिक जल्दी लोगों को समर्पित किए जाएंगे।

सीमावर्ती जिलों पर विशेष फोकस रहेगा। सीएम ने राज्य में बन रहे मेडिकल कॉलेजों को चालू करने के लिए प्रक्रिया पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद राज्य में सिर्फ 3 मेडिकल कॉलेज खुले हैं, जबकि पांच और खोलने की तैयारी है। इससे मेडिकल टूरिज्म को बल मिलेगा। साथ ही उन्हें घरों के पास ही उच्चस्तरीय शिक्षा हासिल हो पाएगी।

जिलों से डेंगू व मलेरिया संबंधी लिया अपडेट

मीटिंग में मुख्यमंत्री ने डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और स्वाइन फ्लू के बारे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से उठाए गए कदमों की जिलों के अधिकारियों से जानकारी हासिल की। सीएम ने अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि लोगों को किसी भी तरह की अस्पतालों में दिक्कत नहीं आनी चाहिए। सरकारी अस्पतालों में सभी दवाएं मुफ्त में मुहैया कराने का निर्देश भी दिया।

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