केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधेयकों के खिलाफ आज यानी गुरुवार से पंजाब में किसान समिति तीन दिवसीय रेल रोकों अभियान की शुरुआत करेंगे। इसको देखते हुए पंजाब आने जाने वाली सभी ट्रेने को रोक दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, करीब पंजाब आने जाने वाली 28 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। कृषि विधेयकों के लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद इन्हें राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने का इंतजार है, जिससे ये कानून बन सकें। हालांकि विपक्ष ने राष्ट्रपति से गुजारिश की है कि वे इन विधेयकों पर दस्तखत न करें। किसानों के विरोध को देखते हुए और ऐहतियात के तौर पर रेलवे दो दिनों तक यानि 24 से 26 सितंबर तक रेलगाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगा दी है।
किसान मजदूर संघर्ष समिति ने केंद्र सरकार के कृषि से संबंधित विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन को तेज करने का निर्णय लेते हुए आज से घोषणा की कि इस विधेयक के विरोध में 24 से 26 सितंबर के बीच पंजाब में ट्रेनों को चलने नहीं दिया जाएगा। समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने पीटीआई से कहा कि हमने राज्य में कृषि से संबंधित विधेयकों के खिलाफ रेल रोको आंदोलन करने का फैसला किया है। पंजाब में विभिन्न कृषि संगठन पहले ही 25 सितंबर को इस विधेयक के विरोध में बंद की घोषणा कर चुके हैं।
संसद में जो कृषि विधेयक पास हए हैं ये कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा करार, आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक हैं। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि पंजाब बंद को समर्थन देने वालों में मुख्य तौर पर भारती किसान यूनियन (क्रांतिकारी), कीर्ति किसान यूनियन, भारती किसान यूनियन (एकता उगराहां), भाकियू (दोआबा), भाकियू (लाखोवाल) और भाकियू (कादियां) आदि संगठन शामिल हैं।
किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसानों को आढ़ती एसोसिएशन, रिटायर्ड सैनिकों सहित अन्य संगठनों का भी भारी समर्थन मिल रहा है। बता दें कि किसान बिल के खिलाफ पंजाब में पहले से ही कई जगहों पर किसानों का धरना चल रहा है और ऐसे में जब मोदी सरकार इन विधेयकों को लेकर अड़ गई है तो इसका मतलब साफ है कि आने वाले दिनों में किसानों का आंदोलन और तेज होगा।