पंजाब: ड्रोन से नशे-हथियारों की तस्करी के आरोपी को जमानत देने से हाईकोर्ट का इनकार

पाकिस्तान से ड्रोन के जरिये नशे व हथियारों की तस्करी के आरोपी को जमानत देने से पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने साफ इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में आरोप बेहद संगीन हैं। पुलिस को सूचना मिली थी कि फरीदकोट में कुछ लोग एक गैंग चला रहे हैं। यह गैंग भारत में बैठकर इंटरनेट के माध्यम से हथियारों व नशे की तस्करी के लिए ऑर्डर करते थे। पाकिस्तान में बैठे इनके साथी ऑर्डर की डिलीवरी ड्रोन के माध्यम से भारत में करते थे।

इस मामले में पकड़े गए आरोपी हरजिंदर सिंह ने पूछताछ में याचिकाकर्ता गुरलाल सिंह का नाम लिया था। गुरलाल सिंह ने कहा कि इस मामले में उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। उसे सिर्फ सह आरोपी के बयान के आधार पर फंसाया जा रहा है। याची को जमानत से इन्कार करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि यह संगीन मामला है और हिरासत में पूछताछ जरूरी है।

मजदूर नेता शिव कुमार को हरियाणा पुलिस ने अवैध हिरासत में रखकर किया था प्रताड़ित
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान नवदीप कौर की गिरफ्तारी के बाद हिरासत में लिए गए मजदूर अधिकार संगठन के प्रधान शिव कुमार को हरियाणा पुलिस ने अवैध हिरासत में रख कर प्रताड़ित किया था। मामले की जांच रिपोर्ट सौंपते हुए पंचकूला के जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक गुप्ता ने यह खुलासा किया है। हाईकोर्ट ने रिपोर्ट को रिकार्ड पर लेकर हरियाणा सरकार को 27 जनवरी तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

याचिका दाखिल करते हुए राजबीर सिंह ने हाईकोर्ट को बताया था कि उसका बेटा कुंडली इंडस्ट्रीयल एरिया में मजदूर अधिकार संगठन का अध्यक्ष है। आंदोलन के दौरान मजदूरों ने किसानों के समर्थन का फैसला लिया। 28 दिसंबर 2020 को कुछ मजदूर अपने लंबित वेतन की मांग करते हुए फैक्ट्री पहुंचे जहां इंडस्ट्री एसोसिएशन की क्विक रिस्पांस टीम को बुलाकर मजदूरों को तितर-बितर कर दिया गया। 12 जनवरी को मजदूरों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठियां भांजी और नवदीप कौर को बालों से घसीट कर पुलिस ले गई। याची के बेटों को पुलिस ने 16 जनवरी को हिरासत में लेकर यातना दी और गिरफ्तारी 23 जनवरी को दिखाई। 

गिरफ्तारी के समय की मेडिकल रिपोर्ट और कोर्ट के आदेश पर किए मेडिकल की रिपोर्ट में बहुत अधिक फर्क पाने पर हाईकोर्ट ने फरीदाबाद के तत्कालीन सेशन जज दीपक गुप्ता को जांच का जिम्मा सौंपा था। अब वर्तमान में पंचकूला के जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक गुप्ता ने अपनी रिपोर्ट सौंपते हुए बताया कि जांच में सामने आया है कि सोनीपत पुलिस ने शिव कुमार को अवैध हिरासत में रखा था और प्रताड़ित किया था। गुप्ता ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस, डॉक्टर व एक न्यायिक मजिस्ट्रेट को दोषी ठहराया है। उन्होंने बताया कि शिव कुमार के शरीर आठ चोट थी जो बांई व दांई जांघ, दाएं व बाएं पैर और कलाई पर थी। यह चोट हिरासत के दौरान दी गई यातना का सबूत है। गुप्ता ने एक महिला आईपीएस, न्यायिक मजिस्ट्रेट, डॉक्टर, पीड़ित और पुलिस सहित कुल 15 को जांच में शामिल किया था।

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