लुधियाना के बद्दोवाल में शरारती तत्वों ने वीरवार देर शाम सतलुज एक्सप्रेस (14630) पर पथराव कर दिया। इस दौरान एक पत्थर खिड़की की तरफ बैठे चार वर्षीय बच्चे के सिर में जा लगा। पत्थर लगने से बच्चे का सिर फट गया और उसके सिर की हड्डी टूट गई।
इसके अलावा ट्रेन के लोको पायलट सहित कई यात्रियों को भी पत्थर लगे, लेकिन उनको कोई गंभीर चोट नहीं आई। ट्रेन पर पथराव होते ही यात्रियों में चीख पुकार मच गई। इसके बाद यात्रियों ने चेन पुलिंग करके ट्रेन को रोक दिया।
13 किलोमीटर तक नहीं मिली कोई प्राथमिक चिकित्सा
ट्रेन रुकते ही टिकट चेकर कोच में पहुंचे और बच्चे की गंभीर हालत और स्टाफ के पास प्राथमिक उपचार की सुविधा नहीं होने के कारण ट्रेन को तुरंत लुधियाना की तरफ रवाना करवाया। इसके बाद बच्चा लहूलुहान हालत में बिना किसी चिकित्सीय सहायता के करीब 13 किलोमीटर का सफर करके लुधियाना पहुंचा। लुधियाना स्टेशन पर परिजनों ने बच्चे को सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां से डॉक्टरों ने उसके सिर की हड्डी टूटने की बात कहकर पीजीआई रेफर कर दिया।
गंगानगर से मां के साथ आ रहा था प्रिंस
बच्चे की मां सविता ने बताया कि वह अपने बेटे प्रिंस (4) के साथ गंगानगर से अपने मायके लुधियाना आ रही थी। जैसे ही ट्रेन बद्दोवाल के पास पहुंची, बाहर से किसी ने ट्रेन पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। पत्थर लगने से प्रिंस का सिर फट गया और वह लहूलुहान हो गया। हालांकि यात्रियों ने चेन खींचकर ट्रेन को रोका, लेकिन फिर भी आरपीएफ या जीआरपी मदद के लिए नहीं पहुंची।
सविता ने बताया कि ट्रेन के लुधियाना स्टेशन पहुंचने पर रेलवे अस्पताल की टीम ने भी बच्चे को मामूली प्राथमिक उपचार देने के बाद सिविल अस्पताल भेजकर अपना पीछा छुड़ा लिया। चार वर्षीय मासूम प्रिंस शुक्रवार शाम तक अस्पताल के बेड पर पड़ा जिंदगी और मौत से जूझ रहा था तथा इस शर्मनाक वारदात को अंजाम देने वाले शरारती तत्व आरपीएफ तथा जीआरपी की गिरफ्त से बाहर थे।