कोरोना काल की दूसरी लहर के बाद,ढाई गुना बढ़ी पौधों की बिक्री

कोरोना की दूसरी लहर के बाद से मेडिशनल प्लांट के साथ ही ज्यादा ऑक्सीजन देने वाले नीम व पीपल समेत दूसरे पौधों की मांग अचानक से बढ़ बई है। नर्सरी से लोग ऐसे पौधें ज्यादा लेकर जा रहे हैं। इस बार कोरोना ने लोगों को ऑक्सीजन के महत्व को बखूबी समझाया। लोग नर्सरी से ऑक्सीजन पौधे स्‍नेक प्‍लांट, मनी प्‍लांट, पीपल, गरबेरा डेजी, चाइनीज एवरग्रीन, स्पाइडर प्लांट, एलोवेरा, ब्रॉड लेडी पाम के साथ फलदार पौधे ज्यादा ले जा रहे हैं। पौधों की गाड़ियां एक-डेढ माह में आती थी लेकिन 15 दिनों में गाड़ी मंगवानी पड़ती हैं। नर्सरी संचालकों की माने तो पहले रोज 300 से 400 पौधे बिकते थे लेकिन अब इनकी मांग बढ़कर 800 से 1000 हो चुकी हैं। गौरतलब है कि बाड़मेर में दूर-दूर तक रेगिस्तान फैला हुआ हैं। क्षेत्र के कई इलाकों में खजूर, अनार, नारंगी, सहित कई फलदार पौधे भी पनपने लग गये हैं।

ढाई गुना बढ़ गई मांग
नर्सरी के मालिक अमित कच्छवाह ने बताया कि पहले की तुलना में पौधों की खरीद बढ़कर ढाई गुना अधिक हो गई है। लोग नई-नई वैराइटी के पौधों की डिमांड कर रहे हैं और ग्राहकों को पौधे मंगवाकर उन्हें उपलब्ध भी करवाए जा रहे हैं। इनके अनुसार पहले डेढ़ माह में एक बार पौधों की गाड़ी पहुंचती थी। अब खरीद बढ़ने से 15 दिन में पौधों की गाड़ी मंगवानी पड़ती है। ऑक्सीजन के पौधों के साथ फलदार पौधो की डिमांड जबरदस्त बढ़ी हैं। नर्सरी मालिक मदनलाल के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर के बाद से पौधों की खरीद में काफी इजाफा हुआ है। लोग पौधों की खरीद के साथ पौधों की देखभाल और पौधों को लगाने की विधि के बारे में भी बारीकी से जान रहें हैं। पौधों को कितने समय पानी और खाद दी जाए सहित देखभाल की भी जानकारी ले रहे हैं। बाड़मेर मे नहर का मीठा पानी के आने के बाद विभिन्न तरीके के फलदार पौधे भी लग रहे हैं।

विभिन्न राज्यों से आते हैं पौधे
नर्सरी मालिक के अनुसार पौधे अलग-अलग राज्यों से विभिन्न प्रकार के पौधे मंगा रहे हैं। गुजरात, साउथ, वलसाड, यूपी सहित विभिन्न राज्यों से पौधों की गाड़ियां आती है।

फलदार पौधों की डिमांड बढ़ी
नर्सरियों में आने वाले लोग छायादार, फलदार और फूलों के पौधों की खरीद में भी रुचि दिखा रहे हैं। नर्सरी में फलदार पौधों में आम, मौसमी, नींबू, केला, अंजीर, बादाम, चीकू, पपीता समेत कई वैराइटी के पौधे हैं। इसके अलावा फूलदार पौधों में मोगरा, चमेली, गुलाब समेत कई छायादार पौधे और वाटर प्लांट की वैराइटी भी उपलब्ध है।

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