अलवर के नगर विकास न्यास की ओर से बुद्ध विहार कच्ची बस्ती की तरफ शमशान के टीनशेड को बुलडोजर से तोड़ने के विरोध में गुरुवार सुबह लोग शमशान घाट पहुंचे। नगर विकास न्यास के खिलाफ लोगों ने खुलकर इसका विरोध जताया। इसके बाद लोग जुलूस लेकर कलेक्टर को ज्ञापन देने गए।
150 साल पुराना शमशान होने का दावा
यहां स्थानीय लोगों ने बताया कि यह शमशान घाट करीब 150 साल पुराना है। बगल में सेना की जमीन भी है। सेना ने भी कुछ जमीन शमशान घाट के लिए छोड़ दी थी। अब यूआईटी शमशान की जमीन को बेचना चाहती है, जो किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस हरकत से जन मानस में भी गुस्सा है। सरकार व प्रशासन ने नहीं सुनी तो जनता रोड पर आ जाएगी। यूआईटी के दफ्तर को आग लगा देंगे। जिसके बाद आक्रोशित भीड़ द्वारा बुद्ध विहार से पहले वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा के निवास के बाहर करीब 10 मिनट तक नारेबाजी की गई। जिसमें पुलिस प्रसासन, नगर विकास न्यास और मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की गई, जिसके बाद आक्रोशित भीड़ अलवर कलेक्ट्रेट मिनी सचिवालय पहुंची। जहां जमकर हंगामा किया गया और नारेबाजी की गई।
मौजूदा लोगों में शामिल महिलाओं ने बताया कि यूआईटी गलत तरीके से जमीन का बेचान कर दिया और बिना कोई नोटिस दिए हमारे शमशान घाट को तोड़ दिया, जिसके साथ हमारी भावनाएं जुड़ी हुई थी। यही नहीं जब भी कोई छोटा बच्चा मर जाय तो उसको भी यही दफनाया जाता है और न्यास ने बच्चों को दफनाने की जगह को भी उखाड़ दिया, जिससे मरे हुए बच्चे भी बाहर आ गए। दान दातारों के सहयोग से शमशान में कुर्सी लगवाई गयी और टीन शेड लगवाई उनको तोड़ कर आ गये। अब अगर हमारे यहा कोई मर जाता है तो उसको कहां दफनाया जाएगा।
जब न्यास द्वारा इस प्रकार से अपनी मनमर्जी के चलते आज शमसान घाट को तोड़ा है, कल को मंदिर तोड़ा जायेगा, समाज चुप नहीं बैठने वाला है। इसके बाद सर्व समाज द्वारा अलवर SDM प्रतीक जुइकर को ज्ञापन सौंपा गया। फिर जिला कलेक्टर से 10 लोगों की मुलाकात करवाई गई, जिसमें कलेक्टर ने लोगों को आश्वासन दिया कि जांच करने के बाद जल्द समस्या का समाधान किया जाएगा।अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें