भारत बंद का असर भरतपुर में देखने को मिला। जिला मुख्यालय पर आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी दुकानें बंद रही। एससीएसी संगठनों से जुड़े पदाधिकारी शहर में निकले और दुकानें बंद करने की अपील की। इसके बाद दुकानें बंद की गई। बंद को देखते हुए जिला मुख्यालय पर पुलिस बल तैनात रहा। इसके अलावा पुलिस दल शहर में गश्त करता भी नजर आया। बंद के दौरान कहीं भी अप्रिय घटना के समाचार नहीं है, बंद शांतिपूर्ण रहा।
एससी-एसटी के लोग सुबह 11 बजे हीरादास सर्किल से कुम्हेर गेट से मुख्य बाजार हो कलेक्ट्री पहुंचे। राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा। ज्ञापन में एससी-एसटी आरक्षण के साथ छेड़छाड़ करने एवं केंद्रीय सरकार की ओर से समाप्त करने की कोशिश का विरोध किया।

इस दौरान संगठनों ने इसके विरोध में एकजुट होकर संविधान बचाओ देश बचाओ का नारा बुलंद किया। बंद को देखते हुए छोटे बच्चों को स्कूल नहीं भेजा गया। यातायात सुचारू रूप से जारी है। किसी प्रकार की कोई परेशानी सामने नजर नहीं आई है। सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के फैसले के खिलाफ यह बंद दलित और आदिवासी संगठनों ने बुलाया है।

भारत बंद को देखते हुए भरतपुर जिले की प्रत्येक चौराहे पर पुलिस के आलाधिकारी तैनात रहे और शहर मजिस्ट्रेट अलग से बने रहे। पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने बताया कि भरतपुर शहर में शांतिपूर्ण तरीके से बंद रहा। कोई भी अप्रिय घटना घटित नहीं हुई। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता तैनात किया गया था और पुलिस के अधिकारी गश्त करते हुए प्रत्येक चौराहे पर तैनात रहे।

वहीं, सोशल मीडिया पर पुलिस की विशेष निगरानी रही। कुछ भड़काऊ टिप्पणी या पोस्ट कोई करता तो पुलिस जांच के बाद एक्शन लेती। वहीं, जिला प्रशासन की तरफ से भरतपुर में नेट सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम को 6:00 बजे तक बंद किया गया।