पायलट से मिलने उमड़ी भीड़, सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां; कोरोना की परवाह भी कम

सचिन पायलट रविवार को दौसा से होते हुए अलवर के खेड़ली पहुंचे। यहां पायलट पहले कठूमर विधायक बाबूलाल बैरवा के आवास गए। इसके बाद विधायक के बेटे के साथ सचिन पायलट खेड़ली के निकट समूची गांव में सैनिक के घर पहुंचे। यहां उनके परिवार के लोगों से मिले और सैनिक को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान लोगों की बेहिसाब भीड़ जुट गई। कोरोना संक्रमण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग तार-तार होती दिखी।

सचिन पायलट के साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व नेता भी दिखे। जो उनके साथ-साथ गाड़ियों से निकले थे। गांव में आने के बाद यहां काफी लोगों की भीड़ जुट गई। इस दौरान कोरोना की परवाह भी कम दिखी। काफी लोग तो बिना मास्क के ही पहुंच गए। लेकिन, नेताओं के आसपास भी सोशल डिस्टेंसिंग की परवाह नहीं की गई।

जगह-जगह हुआ स्वागत, लेकिन कोरोना नियमों का नहीं हुआ पालन
जयपुर से अलवर पहुंचने के दौरान पायलट का जगह-जगह स्वागत किया गया। कुछ जगह उन्होंने गाड़ी रोककर लोगों से मुलाकात भी की, लेकिन यहां भी कोरोना के नियम टूटते दिखे। लोग सचिन पायलट से हाथ मिलाने और माला पहनाने के लिए कोरोना के सभी नियम तोड़ते दिखे।

फिर राजगढ़ विधायक जौहरी लाल मीणा के घर पहुंचे
पायलट सैनिक परिवार के घर से दोपहर करीब साढ़े 12 बजे बाद सीधे राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ विधायक जौहरी लाल मीणा के पिनान स्थित घर पहुंचे। विधायक जौहरी लाल मीणा की पत्नी पांची देवी का दो दिन पहले ही निधन हुआ था। इस कारण वे जौहरी लाल मीणा के आवास पर उनके परिवार का ढांढ़स बधाने और उनकी पत्नी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे हैं।

सैनिक को शहीद का दर्जा मिले
सैनिक के परिवार के लोगों ने सचिन पायलट को ज्ञापन दिया। सैनिक को शहीद का दर्जा दिलाने की मांग की। इसके अलावा स्कूल का नाम सैनिक के नाम से रखने की मांग रखी। इस ज्ञापन को सचिन पायलट ने अलवर कलेक्टर को मार्क कर भिजवाया।

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