बरेली में अभिनेत्री दिशा पाटनी के घर पर हुई फायरिंग मामले की जांच में पुलिस की दो दिन की मेहनत व्यर्थ साबित हुई। घटना वाले दिन सुबह पाटनी की मां को राजस्थान के भरतपुर से आए एक अटपटे कॉल को सुराग मानकर बरेली पुलिस की एसओजी टीम भरतपुर पहुंची थी, लेकिन वहां की जांच में सामने आया कि कॉल किसी अपराधी गैंग का नहीं, बल्कि एक सनकी युवक की हरकत थी।
पुलिस के अनुसार, 12 सितंबर की रात को हुई गोलीबारी के बाद सुबह करीब सात बजे दिशा की मां पदमा पाटनी को एक अंजान नंबर से कॉल आई थी। कॉल करने वाले ने खुद को डिलीवरी मैन बताकर पार्सल आने की जानकारी दी। रात को हुई फायरिंग से पहले से ही डरे परिवार ने जब यह कहा कि उन्होंने कोई पार्सल ऑर्डर नहीं किया, तो कॉल तुरंत काट दी गई। इस नंबर की जांच करने पर यह भरतपुर निवासी युवक का निकला।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि वह युवक दिनभर ऐसे ही कॉल करता है। ज्यादातर नंबर महिलाओँ के होते हैं और वह पार्सल का बहाना बनाकर बातचीत शुरू करता है। कई बार जवाब न मिलने पर वह गालीगलौज भी करता है। संयोगवश दिशा पाटनी की मां का नंबर भी उसकी सूची में आ गया। इस युवक के खिलाफ पहले से कई मुकदमे दर्ज हैं और उसे जेल भी भेजा जा चुका है। भरतपुर पुलिस की मदद से एसओजी को उसकी कॉल रिकार्डिंग भी मिली।
इधर, पुलिस ने सुदर्शन पोर्टल के जरिये 33 संदिग्ध सोशल मीडिया अकाउंट भी चिह्नित किए हैं। इनमें से ज्यादातर राजस्थान के हैं, जबकि कुछ मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से जुड़े मिले हैं। इन अकाउंट्स पर संदिग्ध टिप्पणियां मिली हैं, जिनकी ट्रैकिंग साइबर क्राइम थाना और साइबर सेल कर रही है।
उल्लेखनीय है कि 11 और 12 सितंबर को दिशा पाटनी के बरेली स्थित घर के बाहर दो बार फायरिंग हुई थी। सीसीटीवी फुटेज में बाइक सवार दो हमलावर नजर आए थे। बाद में सोशल मीडिया पर गोल्डी बरार के गिरोह ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।