सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच खींचतान और जंग पर अब बड़ा ब्रेक लगता नज़र आ रहा है। इसे सियासी जानकर पायलट की बड़ी रणनीतिक हार मान रहे हैं, क्योंकि उनकी तीनों मांगों पर कोई एक्शन नहीं लिया गया, जनता के बीच सचिन पायलट के तमाम दावे, पैरों के छालों की कसम खाकर किए गए ऐलान उन्हीं की किरकिरी करवा रहे हैं।
सचिन पायलट ने एक इंटरव्यू में अब स्पष्ट रूप से सरेंडर वाली भाषा में सीएम अशोक गहलोत के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। पायलट बोले- सामूहिक नेतृत्व ही चुनाव में आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। पायलट बोले- कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मुझसे कहा है कि भूलो, माफ करो और आगे बढ़ो। जो समय निकल गया, वो आने वाला नहीं है। हमारे सामने चुनौतियां हैं। उनकी बात एक सुझाव भी है और अध्यक्ष के तौर पर निर्देश भी हैं। खड़गे जी ने जो कहा, मैं उस पर विश्वास करता हूं।
सीएम गहलोत उम्र और अनुभव में मुझसे बड़े, उनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारियां हैं
इंटरव्यू में सचिन पायलट ने सीएम गहलोत से मतभेद के सवाल पर कहा- गहलोत जी उम्र में मुझसे बड़े हैं। उनको ज्यादा अनुभव भी है। उनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारियां हैं। जब मैं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष था, तो मैंने भी कोशिश की थी कि सबको साथ लेकर चलूं। मुझे लगता है कि आज गहलोत मुख्यमंत्री हैं, तो वह भी ये कोशिश कर रहे हैं कि सबको साथ में लेकर चलें। अगर कहीं कुछ थोड़ा आगे-पीछे है, तो वो बहुत बड़ा मुद्दा नहीं है। क्योंकि पार्टी और जनता किसी व्यक्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण है। यह बात मैं भी समझता हूं और वो भी समझते हैं।
मिलकर चुनाव लड़ेंगे हम, जीतने के बाद फैसला होगा किसे मौका मिलेगा
आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव में सीएम फेस के सवाल पर पायलट ने स्पष्ट कहा कि दशकों से कांग्रेस की परम्परा रही है कि चुनाव से पहले कभी भी पार्टी चेहरा घोषित नहीं करती है। कांग्रेस किसी भी प्रदेश में किसी एक चेहरे को आगे करके चुनाव नहीं लड़ती। 2018 में मैं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष था, तब भी हम सब मिलकर चुनाव लड़े थे। बाद में पार्टी ने जो फैसला लिया,वह सबके सामने आया। इस बार भी हम सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे। चुनाव जीतने के बाद ही फैसला होगा, किसको मौका दिया जाए। फिलहाल तो हमें चुनाव जीतना है, यह महत्वपूर्ण है।
कोई भी अकेले चुनाव जीतने के जादू का दावा नहीं कर सकता-पायलट
सचिन पायलट बोले-सामूहिक नेतृत्व ही अब चुनाव में आगे जाने का एकमात्र रास्ता है। मैं राजस्थान प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष रहा था, उस वक्त भी कहा था कि कोई भी व्यक्ति यह दावा नहीं कर सकता कि वह चुनाव जीतने का जादू कर सकता है या कर सकती है। यह हमेशा एक सामूहिक प्रयास ही होता है।
चुनाव में अपनी भूमिका के सवाल पर सचिन पायलट बोले- कांग्रेस नेतृत्व को यह तय करना है। राजस्थान में चुनाव जीतने के लिए जो भी संभव होगा, हम वो करेंगे। प्रदेश में ही भूमिका चाहने के सवाल पर पायलट ने कहा-यह बात बिल्कुल सच है। मैंने कभी इस बात को छिपाया नहीं है। वहां (राजस्थान) के लोगों, कार्यकर्ताओं, मिट्टी और मतदाताओं का मुझे आशीर्वाद मिला है। वही मेरी सबसे बड़ी पूंजी है। मैं चाहता हूं कि मेरा जो भी योगदान हो सके, वो मैं करूं, हम दोबारा से कांग्रेस की सरकार बनाएं। 2018 में हम सब मिलकर लड़े, तो उसका परिणाम आया। इससे पहले 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 21 सीटों पर आ गई थी। लेकिन 2018 में हमने मिलकर काम किया और हमें सफलता मिली। इसलिए मुझे लगता है दिसंबर 2023 में होने वाले चुनाव में हम मिलकर काम करेंगे, तो जनता का आशीर्वाद मिलेगा।
मैं सीएम अशोक गहलोत का पूरा सम्मान करता हूं, व्यक्ति से ज्यादा पार्टी अहम-पायलट
सीएम गहलोत के साथ रिश्तों पर सवाल पूछने पर पायलट बोले-मैं गहलोत जी का पूरा सम्मान करता हूं। हम दोनों इस बात को समझते हैं कि पार्टी और जनता व्यक्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। हमें सकरात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना है। हमें संगठन को मजबूत करना और चुनाव जीतना है। मुझे राजनीति में 20-25 साल हो गए हैं। मुझे किसी ने कुछ भी कहा हो, लेकिन मेरे संस्कार, राजनीतिक सोच मैंने अपने माता-पिता से जो कुछ सीखा है। मैंने कभी किसी के खिलाफ ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं किया, जो मैं खुद के लिए सुनना नहीं चाहता हूं। शब्द, शब्दावली और टिप्पणियां बहुत सोच समझकर करनी चाहिए। मैंने हमेशा से खुद को सीमा में रखकर काम किया है। मैं बेबाकी से बोलता हूं, लेकिन ऐसे शब्दों का उपयोग नहीं करता, बाद में जिनका अफसोस हो।
हिमाचल-कर्नाटक चुनाव भी बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे पर लड़े थे, क्या नतीजे रहे?
पीएम नरेन्द्र मोदी के लगातार राजस्थान दौरों और विधानसभा चुनाव पर असर के सवाल पर पायलट ने कहा कि बीजेपी ने हिमाचल में मोदी जी के नाम पर चुनाव लड़ा था, कर्नाटक में भी मोदी जी के नाम पर चुनाव लड़ा था, उसके क्या परिणाम आए? लोगों ने सब देख लिया, परख लिया, लोग अब समझ गए कि उनके लिए कौन हितकारी है और कौन लोग धर्म की राजनीति करते और विवादित बयान देते हैं। अगर एक टीम भावना के साथ मिलकर राजस्थान में चुनाव लड़ा, तो राजस्थान में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित है। दिल्ली में हुई बैठक को लेकर पायलट ने कहा- उस बैठक में सार्थक, व्यापक और विस्तृत चर्चा हुई। हमें किस तरह से आगामी चुनावों को लड़ना और जीतना है, इस पर चर्चा हुई। 25 साल से राजस्थान में एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस की सरकार बनने का सिलसिला बना हुआ है, इस परिपाटी को तोड़ने के लिए हमें क्या करना है, इस पर हमारा बहुत अच्छा मंथन हुआ। इसलिए आने वाले दिनों में अच्छे नतीजे भी सामने आएंगे।