टोंक में देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान एसडीएम को थप्पड़ मारने और समरावता गांव में हिंसा भड़काने के आरोपी नरेश मीणा को बुधवार को भी जमानत नहीं मिल पाई। राजस्थान हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए पुलिस से केस डायरी और आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
बता दें कि नरेश मीणा की ओर से हिंसा और थप्पड़ मारने के दोनों मामलों में जमानत याचिका दाखिल की गई थी। बुधवार को हिंसा के मामले में सुनवाई हुई, जबकि थप्पड़ मारने के मामले में गुरुवार को सुनवाई की संभावना है।
हाईकोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता मुख्य आरोपी है और उस पर भीड़ को उकसाने और उपद्रव फैलाने का आरोप है। साथ ही घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने का भी मामला सामने आया है। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा, ऐसा नहीं चलेगा, एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी।
पुलिस ने कोर्ट को बताया कि समरावता गांव में हिंसा के बाद हालात गंभीर हो गए थे, और आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड पहले से मौजूद है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद तय की है। गौरतलब है कि यदि इस मामले में नरेश मीणा को जमानत मिल भी जाती, तो वह जेल से बाहर नहीं आ सकते थे। क्योंकि उन्हें एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले में भी जमानत लेनी होगी।